Class 11 Mathematics Notes Chapter 11 (Chapter 11) – Examplar Problems (Hindi) Book

चलिए, आज हम कक्षा 11 के गणित एक्सेम्प्लर (Exemplar) पुस्तक के अध्याय 11 - शंकु परिच्छेद (Conic Sections) का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। हम इसके सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं और सूत्रों को विस्तार से समझेंगे।
अध्याय 11: शंकु परिच्छेद (Conic Sections) - विस्तृत नोट्स
1. परिचय:
शंकु परिच्छेद वे वक्र होते हैं जो एक समतल द्वारा एक द्वि-शंक्वाकार (double-napped cone) सतह को काटने पर प्राप्त होते हैं। काटने वाले समतल और शंकु के अक्ष के बीच के कोण (α) तथा शंकु के अर्ध-शीर्ष कोण (β) के आधार पर विभिन्न प्रकार के शंकु परिच्छेद प्राप्त होते हैं।
- वृत्त (Circle): जब समतल, शंकु के अक्ष के लंबवत होता है (α = 90°)।
- परवलय (Parabola): जब समतल, शंकु की जनक रेखा के समांतर होता है (α = β)।
- दीर्घवृत्त (Ellipse): जब समतल, शंकु को इस प्रकार काटता है कि β < α < 90°।
- अतिपरवलय (Hyperbola): जब समतल, शंकु के अक्ष के समांतर (या α < β) होता है और दोनों भागों को काटता है।
अपभ्रष्ट शंकु परिच्छेद (Degenerate Conics):
जब समतल शंकु के शीर्ष से होकर गुजरता है, तो हमें अपभ्रष्ट शंकु परिच्छेद मिलते हैं:
- एक बिंदु (Point): α > β
- एक सरल रेखा (Straight Line): α = β
- दो प्रतिच्छेदी रेखाएँ (Pair of intersecting lines): α < β
2. वृत्त (Circle):
- परिभाषा: वृत्त उन सभी बिंदुओं का समुच्चय है जिनकी एक स्थिर बिंदु (केंद्र) से दूरी सदैव नियत (त्रिज्या) रहती है।
- मानक समीकरण: यदि केंद्र (h, k) और त्रिज्या r हो, तो वृत्त का समीकरण:
(x - h)² + (y - k)² = r² - व्यापक समीकरण: वृत्त का व्यापक समीकरण है:
x² + y² + 2gx + 2fy + c = 0- केंद्र:
(-g, -f) - त्रिज्या:
√(g² + f² - c)
(वृत्त वास्तविक होगा यदिg² + f² - c > 0)
- केंद्र:
3. परवलय (Parabola):
-
परिभाषा: परवलय उन सभी बिंदुओं का समुच्चय है जिनकी एक स्थिर बिंदु (नाभि - Focus) से दूरी, एक स्थिर रेखा (नियता - Directrix) से दूरी के बराबर होती है। (उत्केंद्रता, e = 1)
-
मानक समीकरण और गुणधर्म:
समीकरण शीर्ष (Vertex) नाभि (Focus) नियता (Directrix) अक्ष (Axis) नाभिलंब जीवा की लंबाई (Length of Latus Rectum) y² = 4ax(0, 0) (a, 0) x = -a y = 0 (x-अक्ष) 4a y² = -4ax(0, 0) (-a, 0) x = a y = 0 (x-अक्ष) 4a x² = 4ay(0, 0) (0, a) y = -a x = 0 (y-अक्ष) 4a x² = -4ay(0, 0) (0, -a) y = a x = 0 (y-अक्ष) 4a -
नाभिलंब जीवा (Latus Rectum): वह जीवा जो नाभि से होकर जाती है और अक्ष पर लंब होती है।
4. दीर्घवृत्त (Ellipse):
-
परिभाषा: दीर्घवृत्त उन सभी बिंदुओं का समुच्चय है जिनकी तल में दो स्थिर बिंदुओं (नाभियाँ - Foci) से दूरियों का योग अचर होता है। (उत्केंद्रता, 0 < e < 1)
-
मानक समीकरण और गुणधर्म (a > b):
समीकरण केंद्र (Centre) नाभियाँ (Foci) शीर्ष (Vertices) दीर्घ अक्ष की लंबाई (Major Axis) लघु अक्ष की लंबाई (Minor Axis) उत्केंद्रता (Eccentricity) e = c/aनियताएँ (Directrices) नाभिलंब जीवा की लंबाई (Latus Rectum) संबंध x²/a² + y²/b² = 1(0, 0) (±c, 0) (±a, 0) 2a (x-अक्ष पर) 2b (y-अक्ष पर) √(1 - b²/a²)x = ±a/e 2b²/a c² = a² - b²x²/b² + y²/a² = 1(0, 0) (0, ±c) (0, ±a) 2a (y-अक्ष पर) 2b (x-अक्ष पर) √(1 - b²/a²)y = ±a/e 2b²/a c² = a² - b² -
उत्केंद्रता (Eccentricity, e):
e = c/a, जहाँ c नाभि की केंद्र से दूरी है और a अर्ध-दीर्घ अक्ष की लंबाई है।eका मान दीर्घवृत्त के आकार को निर्धारित करता है (जितनाeशून्य के करीब, उतना ही वृत्त जैसा)।
5. अतिपरवलय (Hyperbola):
-
परिभाषा: अतिपरवलय उन सभी बिंदुओं का समुच्चय है जिनकी तल में दो स्थिर बिंदुओं (नाभियाँ - Foci) से दूरियों का अंतर अचर होता है। (उत्केंद्रता, e > 1)
-
मानक समीकरण और गुणधर्म (a > 0, b > 0):
समीकरण केंद्र (Centre) नाभियाँ (Foci) शीर्ष (Vertices) अनुप्रस्थ अक्ष की लंबाई (Transverse Axis) संयुग्मी अक्ष की लंबाई (Conjugate Axis) उत्केंद्रता (Eccentricity) e = c/aनियताएँ (Directrices) नाभिलंब जीवा की लंबाई (Latus Rectum) संबंध x²/a² - y²/b² = 1(0, 0) (±c, 0) (±a, 0) 2a (x-अक्ष पर) 2b (y-अक्ष पर) √(1 + b²/a²)x = ±a/e 2b²/a c² = a² + b²y²/a² - x²/b² = 1(0, 0) (0, ±c) (0, ±a) 2a (y-अक्ष पर) 2b (x-अक्ष पर) √(1 + b²/a²)y = ±a/e 2b²/a c² = a² + b² -
उत्केंद्रता (Eccentricity, e):
e = c/a, जहाँ c नाभि की केंद्र से दूरी है और a अर्ध-अनुप्रस्थ अक्ष की लंबाई है।e > 1.
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु:
- दिए गए समीकरण से शंकु परिच्छेद (वृत्त, परवलय, दीर्घवृत्त, अतिपरवलय) की पहचान करना।
- मानक रूप में बदलना और केंद्र, नाभि(याँ), शीर्ष, नियता, अक्ष, उत्केंद्रता, नाभिलंब जीवा की लंबाई ज्ञात करना।
- दिए गए प्रतिबंधों (जैसे नाभि, नियता, शीर्ष, उत्केंद्रता आदि) से शंकु परिच्छेद का समीकरण ज्ञात करना।
- व्यापक समीकरण
ax² + 2hxy + by² + 2gx + 2fy + c = 0के लिए शर्तें:- वृत्त: a = b, h = 0
- परवलय: h² = ab
- दीर्घवृत्त: h² < ab
- अतिपरवलय: h² > ab
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: वृत्त x² + y² - 4x + 6y - 12 = 0 का केंद्र और त्रिज्या क्रमशः हैं:
(a) (2, -3) और 5
(b) (-2, 3) और 5
(c) (2, -3) और √12
(d) (-2, 3) और √12
प्रश्न 2: परवलय y² = -12x की नाभि है:
(a) (3, 0)
(b) (-3, 0)
(c) (0, 3)
(d) (0, -3)
प्रश्न 3: परवलय x² = 8y की नियता का समीकरण है:
(a) x = 2
(b) x = -2
(c) y = 2
(d) y = -2
प्रश्न 4: दीर्घवृत्त 16x² + 25y² = 400 की उत्केंद्रता (eccentricity) है:
(a) 3/5
(b) 4/5
(c) 5/3
(d) 5/4
प्रश्न 5: दीर्घवृत्त x²/9 + y²/4 = 1 की नाभिलंब जीवा की लंबाई है:
(a) 4/3
(b) 8/3
(c) 9/2
(d) 4/9
प्रश्न 6: अतिपरवलय 9x² - 16y² = 144 की नाभियाँ हैं:
(a) (±5, 0)
(b) (0, ±5)
(c) (±4, 0)
(d) (0, ±3)
प्रश्न 7: यदि किसी दीर्घवृत्त की नाभियाँ (±4, 0) तथा शीर्ष (±5, 0) हैं, तो उसका समीकरण है:
(a) x²/25 + y²/9 = 1
(b) x²/9 + y²/25 = 1
(c) x²/25 + y²/16 = 1
(d) x²/16 + y²/25 = 1
प्रश्न 8: शंकु परिच्छेद y² = 8x क्या निरूपित करता है?
(a) वृत्त
(b) परवलय
(c) दीर्घवृत्त
(d) अतिपरवलय
प्रश्न 9: अतिपरवलय y²/9 - x²/16 = 1 की उत्केंद्रता है:
(a) 4/3
(b) 5/3
(c) 3/5
(d) 5/4
प्रश्न 10: उस वृत्त का समीकरण क्या है जिसका केंद्र (2, 3) है और जो रेखा x + y = 1 को स्पर्श करता है?
(a) (x-2)² + (y-3)² = 8
(b) (x-2)² + (y-3)² = 4
(c) (x-2)² + (y-3)² = 16
(d) (x-2)² + (y-3)² = 2
उत्तरमाला (MCQs):
- (a)
- (b)
- (d)
- (a)
- (b)
- (a)
- (a)
- (b)
- (b)
- (a) [संकेत: केंद्र (2,3) से रेखा x+y-1=0 की लम्बवत दूरी = त्रिज्या = |2+3-1|/√(1²+1²) = 4/√2 = 2√2. त्रिज्या का वर्ग = (2√2)² = 8]
इन नोट्स का अच्छी तरह से अध्ययन करें और दिए गए MCQs को हल करने का प्रयास करें। सूत्रों को याद रखना और विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का अभ्यास करना प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए आवश्यक है। कोई शंका हो तो अवश्य पूछें।