Class 11 Mathematics Notes Chapter 11 (शंकु परिच्छेद) – Ganit Book

Ganit
चलिए, आज हम कक्षा 11 गणित के अध्याय 11, 'शंकु परिच्छेद' (Conic Sections) का विस्तार से अध्ययन करेंगे। यह अध्याय प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए इसके मूल सिद्धांतों और सूत्रों को समझना आवश्यक है।

अध्याय 11: शंकु परिच्छेद (Conic Sections)

परिचय:
शंकु परिच्छेद वे वक्र होते हैं जो एक समतल (plane) द्वारा एक द्वि-शंकु (double-napped cone) को प्रतिच्छेद करने पर प्राप्त होते हैं। प्रतिच्छेदी समतल और शंकु के अक्ष के बीच के कोण के आधार पर विभिन्न प्रकार के शंकु परिच्छेद प्राप्त होते हैं:

  1. वृत्त (Circle)
  2. परवलय (Parabola)
  3. दीर्घवृत्त (Ellipse)
  4. अतिपरवलय (Hyperbola)

जब समतल शंकु के शीर्ष से होकर गुजरता है, तो हमें अपभ्रष्ट शंकु परिच्छेद (Degenerate Conic Sections) प्राप्त होते हैं, जो एक बिंदु, एक रेखा या प्रतिच्छेदी रेखाओं का युग्म हो सकते हैं।


1. वृत्त (Circle)

  • परिभाषा: वृत्त उन सभी बिंदुओं का समुच्चय होता है जिनकी एक तल में एक स्थिर बिंदु (केंद्र) से दूरी सदैव अचर (त्रिज्या) रहती है।
  • मानक समीकरण: यदि वृत्त का केंद्र (h, k) और त्रिज्या r हो, तो उसका समीकरण है:
    (x - h)² + (y - k)² = r²
  • विशेष स्थिति: यदि केंद्र मूल बिंदु (0, 0) पर हो, तो समीकरण:
    x² + y² = r²
  • व्यापक समीकरण: वृत्त का व्यापक समीकरण है:
    x² + y² + 2gx + 2fy + c = 0
    • केंद्र: (-g, -f)
    • त्रिज्या (r): √(g² + f² - c)
    • वृत्त को निरूपित करने के लिए शर्त: g² + f² - c > 0

2. परवलय (Parabola)

  • परिभाषा: परवलय तल के उन सभी बिंदुओं का समुच्चय है जिनकी एक निश्चित सरल रेखा (नियता) से दूरी, एक निश्चित बिंदु (नाभि) से दूरी के बराबर होती है। (अर्थात, उत्केंद्रता e = 1)

  • मानक समीकरण (शीर्ष मूल बिंदु (0,0) पर):

    समीकरण नाभि (Focus) नियता (Directrix) अक्ष (Axis) नाभिलम्ब जीवा की लम्बाई (Latus Rectum) आकार
    y² = 4ax (a, 0) x = -a y = 0 (x-अक्ष) 4a दाईं ओर खुला
    y² = -4ax (-a, 0) x = a y = 0 (x-अक्ष) 4a बाईं ओर खुला
    x² = 4ay (0, a) y = -a x = 0 (y-अक्ष) 4a ऊपर खुला
    x² = -4ay (0, -a) y = a x = 0 (y-अक्ष) 4a नीचे खुला
  • मुख्य पद:

    • अक्ष (Axis): नाभि से गुजरने वाली और नियता पर लम्ब रेखा।
    • शीर्ष (Vertex): परवलय और उसके अक्ष का प्रतिच्छेद बिंदु।
    • नाभि (Focus): निश्चित बिंदु।
    • नियता (Directrix): निश्चित सरल रेखा।
    • नाभिलम्ब जीवा (Latus Rectum): नाभि से गुजरने वाली और अक्ष पर लम्ब जीवा। इसकी लम्बाई 4a होती है।

3. दीर्घवृत्त (Ellipse)

  • परिभाषा: दीर्घवृत्त तल के उन सभी बिंदुओं का समुच्चय है जिनकी तल में दो स्थिर बिंदुओं (नाभियों) से दूरियों का योग अचर होता है। यह अचर मान दीर्घ अक्ष की लम्बाई (2a) के बराबर होता है। (उत्केंद्रता 0 < e < 1)

  • मानक समीकरण (केंद्र मूल बिंदु (0,0) पर):
    मान लीजिए c² = a² - b² और a > b > 0.

    समीकरण नाभियाँ (Foci) शीर्ष (Vertices) दीर्घ अक्ष (Major Axis) लघु अक्ष (Minor Axis) उत्केंद्रता (e = c/a) नाभिलम्ब जीवा (Latus Rectum)
    x²/a² + y²/b² = 1 (±c, 0) (±a, 0) लम्बाई 2a (x-अक्ष पर) लम्बाई 2b (y-अक्ष पर) √(1 - b²/a²) 2b²/a
    x²/b² + y²/a² = 1 (0, ±c) (0, ±a) लम्बाई 2a (y-अक्ष पर) लम्बाई 2b (x-अक्ष पर) √(1 - b²/a²) 2b²/a
  • मुख्य पद:

    • नाभियाँ (Foci): दो स्थिर बिंदु (F1, F2)।
    • केंद्र (Center): दोनों नाभियों को मिलाने वाले रेखाखंड का मध्य बिंदु।
    • दीर्घ अक्ष (Major Axis): नाभियों से गुजरने वाला और दीर्घवृत्त के शीर्षों को मिलाने वाला रेखाखंड। लम्बाई = 2a.
    • लघु अक्ष (Minor Axis): केंद्र से गुजरने वाला और दीर्घ अक्ष पर लम्ब रेखाखंड जिसके अंत बिंदु दीर्घवृत्त पर हों। लम्बाई = 2b.
    • शीर्ष (Vertices): दीर्घ अक्ष के अंत बिंदु।
    • उत्केंद्रता (Eccentricity, e): e = c/a (0 < e < 1)। यह दीर्घवृत्त के चपटेपन की माप है। वृत्त के लिए e = 0.
    • नाभिलम्ब जीवा (Latus Rectum): नाभि से गुजरने वाली और दीर्घ अक्ष पर लम्ब जीवा। लम्बाई = 2b²/a.

4. अतिपरवलय (Hyperbola)

  • परिभाषा: अतिपरवलय तल के उन सभी बिंदुओं का समुच्चय है जिनकी तल में दो स्थिर बिंदुओं (नाभियों) से दूरियों का अंतर (निरपेक्ष मान में) अचर होता है। यह अचर मान अनुप्रस्थ अक्ष की लम्बाई (2a) के बराबर होता है। (उत्केंद्रता e > 1)

  • मानक समीकरण (केंद्र मूल बिंदु (0,0) पर):
    मान लीजिए c² = a² + b².

    समीकरण नाभियाँ (Foci) शीर्ष (Vertices) अनुप्रस्थ अक्ष (Transverse Axis) संयुग्मी अक्ष (Conjugate Axis) उत्केंद्रता (e = c/a) नाभिलम्ब जीवा (Latus Rectum) अनंतस्पर्शी (Asymptotes)
    x²/a² - y²/b² = 1 (±c, 0) (±a, 0) लम्बाई 2a (x-अक्ष पर) लम्बाई 2b (y-अक्ष पर) √(1 + b²/a²) 2b²/a y = ±(b/a)x
    y²/a² - x²/b² = 1 (0, ±c) (0, ±a) लम्बाई 2a (y-अक्ष पर) लम्बाई 2b (x-अक्ष पर) √(1 + b²/a²) 2b²/a y = ±(a/b)x
  • मुख्य पद:

    • नाभियाँ (Foci): दो स्थिर बिंदु (F1, F2)।
    • केंद्र (Center): दोनों नाभियों को मिलाने वाले रेखाखंड का मध्य बिंदु।
    • अनुप्रस्थ अक्ष (Transverse Axis): नाभियों से गुजरने वाला और अतिपरवलय के शीर्षों को मिलाने वाला रेखाखंड। लम्बाई = 2a.
    • संयुग्मी अक्ष (Conjugate Axis): केंद्र से गुजरने वाला और अनुप्रस्थ अक्ष पर लम्ब रेखाखंड। लम्बाई = 2b.
    • शीर्ष (Vertices): अनुप्रस्थ अक्ष के अंत बिंदु जो अतिपरवलय पर स्थित होते हैं।
    • उत्केंद्रता (Eccentricity, e): e = c/a (e > 1)।
    • नाभिलम्ब जीवा (Latus Rectum): नाभि से गुजरने वाली और अनुप्रस्थ अक्ष पर लम्ब जीवा। लम्बाई = 2b²/a.
    • अनंतस्पर्शी (Asymptotes): वे रेखाएँ जिनसे अतिपरवलय अनंत पर जाकर मिलता हुआ प्रतीत होता है।

उत्केंद्रता (Eccentricity - e) का सारांश:

  • वृत्त: e = 0
  • परवलय: e = 1
  • दीर्घवृत्त: 0 < e < 1
  • अतिपरवलय: e > 1

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: वृत्त x² + y² - 4x + 6y - 12 = 0 का केंद्र और त्रिज्या क्रमशः हैं:
(a) (2, -3) और 5
(b) (-2, 3) और 5
(c) (2, -3) और 25
(d) (-2, 3) और √23

प्रश्न 2: परवलय y² = -12x की नाभि है:
(a) (3, 0)
(b) (-3, 0)
(c) (0, 3)
(d) (0, -3)

प्रश्न 3: परवलय x² = 16y की नियता का समीकरण है:
(a) x = -4
(b) x = 4
(c) y = -4
(d) y = 4

प्रश्न 4: दीर्घवृत्त 16x² + 25y² = 400 की उत्केंद्रता (eccentricity) है:
(a) 3/5
(b) 4/5
(c) 5/3
(d) 5/4

प्रश्न 5: दीर्घवृत्त x²/9 + y²/4 = 1 के नाभिलम्ब जीवा की लम्बाई है:
(a) 4/3
(b) 8/3
(c) 9/2
(d) 3/2

प्रश्न 6: अतिपरवलय 9x² - 16y² = 144 की नाभियाँ हैं:
(a) (±5, 0)
(b) (0, ±5)
(c) (±4, 0)
(d) (0, ±3)

प्रश्न 7: अतिपरवलय y²/9 - x²/27 = 1 की उत्केंद्रता है:
(a) 2
(b) 3
(c) 4/3
(d) √2

प्रश्न 8: उस वृत्त का समीकरण क्या है जिसका केंद्र (2, 3) है और जो बिंदु (5, 7) से होकर गुजरता है?
(a) (x - 2)² + (y - 3)² = 5
(b) (x - 2)² + (y - 3)² = 25
(c) (x - 5)² + (y - 7)² = 25
(d) (x - 2)² + (y - 3)² = 16

प्रश्न 9: यदि किसी शंकु परिच्छेद की उत्केंद्रता e = 1 हो, तो वह परिच्छेद है:
(a) वृत्त
(b) परवलय
(c) दीर्घवृत्त
(d) अतिपरवलय

प्रश्न 10: अतिपरवलय x²/a² - y²/b² = 1 की अनंतस्पर्शियों (asymptotes) का समीकरण है:
(a) y = ±(a/b)x
(b) x = ±(a/b)y
(c) y = ±(b/a)x
(d) x = ±(b/a)y


उत्तरमाला (MCQs):

  1. (a)
  2. (b)
  3. (c)
  4. (a)
  5. (b)
  6. (a)
  7. (a)
  8. (b)
  9. (b)
  10. (c)

इन नोट्स को ध्यान से पढ़ें और सूत्रों को याद करें। प्रत्येक शंकु परिच्छेद के मानक समीकरण और उनके विभिन्न घटकों (नाभि, नियता, शीर्ष, उत्केंद्रता, नाभिलम्ब जीवा आदि) को ज्ञात करना सीखें। सरकारी परीक्षाओं में इन्हीं पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। नियमित अभ्यास करना बहुत महत्वपूर्ण है। शुभकामनाएँ!

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