Class 11 Mathematics Notes Chapter 14 (गणितीय विवेचन) – Ganit Book

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चलिए, आज हम कक्षा 11 गणित के अध्याय 14, 'गणितीय विवेचन' (Mathematical Reasoning) का अध्ययन करते हैं। यह अध्याय न केवल आपकी स्कूली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी तर्कशक्ति (reasoning) से संबंधित प्रश्नों को हल करने में आपकी नींव मजबूत करेगा। इसमें हम सीखेंगे कि गणितीय रूप से स्वीकार्य कथन क्या होते हैं और उन कथनों को जोड़कर नए कथन कैसे बनाए जाते हैं व उनकी सत्यता की जाँच कैसे की जाती है।

अध्याय 14: गणितीय विवेचन (Mathematical Reasoning) - विस्तृत नोट्स

1. कथन (Statements):

  • परिभाषा: गणितीय विवेचन में, कथन एक ऐसा वाक्य होता है जो या तो सत्य (True) होता है या असत्य (False) होता है, परन्तु दोनों एक साथ नहीं हो सकता। इन वाक्यों को घोषणात्मक वाक्य (Declarative Sentence) होना चाहिए।
  • प्रश्नवाचक (Interrogative), विस्मयादिबोधक (Exclamatory), आदेशात्मक (Imperative) वाक्य कथन नहीं होते हैं।
  • उदाहरण:
    • "नई दिल्ली भारत की राजधानी है।" (सत्य कथन)
    • "3 + 5 = 7" (असत्य कथन)
    • "सूर्य पश्चिम से निकलता है।" (असत्य कथन)
    • "तुम क्या कर रहे हो?" (कथन नहीं है, क्योंकि यह प्रश्नवाचक है)
    • "कृपया दरवाजा बंद कर दो।" (कथन नहीं है, क्योंकि यह आदेशात्मक है)
    • "आज मौसम कितना सुहावना है!" (कथन नहीं है, क्योंकि यह विस्मयादिबोधक है)
  • सत्यता मान (Truth Value): यदि कोई कथन सत्य है, तो उसका सत्यता मान 'T' या 'सत्य' होता है। यदि कथन असत्य है, तो उसका सत्यता मान 'F' या 'असत्य' होता है।

2. कथनों का निषेधन (Negation of Statements):

  • परिभाषा: किसी कथन का निषेधन उस कथन का इनकार करना होता है। यदि कथन 'p' है, तो उसके निषेधन को '~p' (या ¬p) से दर्शाते हैं और इसे "p नहीं" या "यह असत्य है कि p" पढ़ा जाता है।
  • यदि 'p' सत्य है, तो '~p' असत्य होगा।
  • यदि 'p' असत्य है, तो '~p' सत्य होगा।
  • उदाहरण:
    • p: "चेन्नई तमिलनाडु की राजधानी है।" (सत्य)
    • ~p: "चेन्नई तमिलनाडु की राजधानी नहीं है।" या "यह असत्य है कि चेन्नई तमिलनाडु की राजधानी है।" (असत्य)
    • q: "√2 एक परिमेय संख्या है।" (असत्य)
    • ~q: "√2 एक परिमेय संख्या नहीं है।" या "यह असत्य है कि √2 एक परिमेय संख्या है।" (सत्य)

3. मिश्र कथन (Compound Statements):

  • परिभाषा: दो या दो से अधिक सरल कथनों को कुछ संयोजक शब्दों (Connectives) जैसे "और", "या" आदि से जोड़कर बनाए गए कथन मिश्र कथन कहलाते हैं।
  • सरल कथन (Simple Statements): वे कथन जिनके और टुकड़े नहीं किए जा सकते जो स्वयं में कथन हों।

4. संयोजक (Connectives):

*   **a) "और" (Conjunction / संयोजन):**
    *   प्रतीक: ∧
    *   यदि p और q दो कथन हैं, तो "p और q" (p ∧ q) एक मिश्र कथन है।
    *   **सत्यता:** p ∧ q केवल तभी सत्य होता है जब p और q दोनों सत्य हों। अन्यथा यह असत्य होता है।
    *   **उदाहरण:** p: "3 एक विषम संख्या है।" (सत्य), q: "4 एक सम संख्या है।" (सत्य)। तब p ∧ q: "3 एक विषम संख्या है और 4 एक सम संख्या है।" (सत्य)। यदि q': "5 एक सम संख्या है।" (असत्य), तो p ∧ q': "3 एक विषम संख्या है और 5 एक सम संख्या है।" (असत्य)।

*   **b) "या" (Disjunction / वियोजन):**
    *   प्रतीक: ∨
    *   यदि p और q दो कथन हैं, तो "p या q" (p ∨ q) एक मिश्र कथन है।
    *   गणित में सामान्यतः "या" का प्रयोग समावेशी (Inclusive) अर्थ में होता है, जिसका अर्थ है "p या q या दोनों"।
    *   **सत्यता:** p ∨ q केवल तभी असत्य होता है जब p और q दोनों असत्य हों। अन्यथा यह सत्य होता है (अर्थात, यदि कम से कम एक भी सत्य है तो यह सत्य है)।
    *   **उदाहरण:** p: "दिल्ली भारत में है।" (सत्य), q: "पेरिस फ्रांस में है।" (सत्य)। तब p ∨ q: "दिल्ली भारत में है या पेरिस फ्रांस में है।" (सत्य)। यदि r: "2 एक विषम संख्या है।" (असत्य), s: "सूर्य पश्चिम से उगता है।" (असत्य)। तब r ∨ s: "2 एक विषम संख्या है या सूर्य पश्चिम से उगता है।" (असत्य)। p ∨ r: "दिल्ली भारत में है या 2 एक विषम संख्या है।" (सत्य)।
    *   **अपवर्जित "या" (Exclusive "or"):** इसका अर्थ होता है "p या q लेकिन दोनों नहीं"। NCERT में मुख्यतः समावेशी "या" का प्रयोग होता है।

5. परिमाणवाचक (Quantifiers):

  • ये वाक्यांश होते हैं जो बताते हैं कि कथन कितने मामलों में सत्य है।
    • "सभी के लिए" (For all / Universal Quantifier): प्रतीक ∀. यह बताता है कि कथन किसी समूह के प्रत्येक सदस्य के लिए सत्य है।
    • "एक ऐसे का अस्तित्व है" (There exists / Existential Quantifier): प्रतीक ∃. यह बताता है कि कथन किसी समूह के कम से कम एक सदस्य के लिए सत्य है।
  • परिमाणवाचक कथनों का निषेधन:
    • "सभी x के लिए, P(x) सत्य है" का निषेधन है "कम से कम एक x ऐसा है जिसके लिए P(x) असत्य है"। (¬(∀x, P(x)) ≡ ∃x, ¬P(x))
    • "कम से कम एक x ऐसा है जिसके लिए P(x) सत्य है" का निषेधन है "सभी x के लिए, P(x) असत्य है"। (¬(∃x, P(x)) ≡ ∀x, ¬P(x))
  • उदाहरण:
    • कथन: "सभी सम संख्याएँ 2 से भाज्य हैं।" (सत्य)
    • निषेधन: "कम से कम एक सम संख्या ऐसी है जो 2 से भाज्य नहीं है।" (असत्य)
    • कथन: "एक ऐसी वास्तविक संख्या x है कि x² = -1" (असत्य)
    • निषेधन: "सभी वास्तविक संख्याओं x के लिए, x² ≠ -1" (सत्य)

6. प्रतिबंधात्मक कथन (Implications / Conditional Statements):

  • "यदि...तो..." (If...then...):

    • प्रतीक: → (या ⇒)
    • यदि p और q दो कथन हैं, तो "यदि p तो q" (p → q) एक प्रतिबंधात्मक कथन है।
    • p को पूर्ववर्ती (Antecedent) या परिकल्पना (Hypothesis) कहते हैं।
    • q को परिणामी (Consequent) या निष्कर्ष (Conclusion) कहते हैं।
    • सत्यता: p → q केवल तभी असत्य होता है जब p सत्य हो और q असत्य हो। अन्य सभी स्थितियों में यह सत्य होता है। (यदि परिकल्पना सत्य है और निष्कर्ष असत्य है, तभी कथन असत्य है)।
    • उदाहरण: p: "आप दिल्ली में हैं।" q: "आप भारत में हैं।" p → q: "यदि आप दिल्ली में हैं, तो आप भारत में हैं।" यह कथन सत्य है। यदि कोई दिल्ली में है (p सत्य) तो वह भारत में है (q सत्य)। यदि कोई पेरिस में है (p असत्य) तो वह भारत में हो भी सकता है (q सत्य) या नहीं भी (q असत्य), दोनों ही स्थिति में "यदि आप पेरिस में हैं तो आप भारत में हैं" को गणितीय तर्क में सत्य माना जाता है। केवल यह स्थिति असत्य होगी कि कोई दिल्ली में हो (p सत्य) पर भारत में न हो (q असत्य), जो संभव नहीं है।
  • प्रतिधनात्मक (Contrapositive):

    • p → q का प्रतिधनात्मक कथन "~q → ~p" होता है। ("यदि q नहीं तो p नहीं")
    • महत्वपूर्ण: कोई प्रतिबंधात्मक कथन (p → q) और उसका प्रतिधनात्मक कथन (~q → ~p) तार्किक रूप से तुल्य (Logically Equivalent) होते हैं, अर्थात दोनों का सत्यता मान हमेशा समान होता है।
    • उदाहरण: कथन: "यदि कोई संख्या 4 से भाज्य है, तो वह 2 से भाज्य है।" (p → q)
    • प्रतिधनात्मक: "यदि कोई संख्या 2 से भाज्य नहीं है, तो वह 4 से भाज्य नहीं है।" (~q → ~p)। दोनों कथन सत्य हैं।
  • विलोम (Converse):

    • p → q का विलोम कथन "q → p" होता है। ("यदि q तो p")
    • कोई कथन और उसका विलोम तार्किक रूप से तुल्य हों, यह आवश्यक नहीं है।
    • उदाहरण: कथन: "यदि कोई संख्या 4 से भाज्य है, तो वह 2 से भाज्य है।" (p → q, सत्य)
    • विलोम: "यदि कोई संख्या 2 से भाज्य है, तो वह 4 से भाज्य है।" (q → p, असत्य, जैसे संख्या 6)।
  • प्रतिलोम (Inverse):

    • p → q का प्रतिलोम कथन "~p → ~q" होता है। ("यदि p नहीं तो q नहीं")
    • कोई कथन और उसका प्रतिलोम तार्किक रूप से तुल्य हों, यह आवश्यक नहीं है। हालांकि, विलोम (q → p) और प्रतिलोम (~p → ~q) तार्किक रूप से तुल्य होते हैं।
    • उदाहरण: कथन: "यदि कोई संख्या 4 से भाज्य है, तो वह 2 से भाज्य है।" (p → q, सत्य)
    • प्रतिलोम: "यदि कोई संख्या 4 से भाज्य नहीं है, तो वह 2 से भाज्य नहीं है।" (~p → ~q, असत्य, जैसे संख्या 6)।

7. "यदि और केवल यदि" कथन (Biconditional Statements):

  • प्रतीक: ↔ (या ⇔)
  • कथन "p यदि और केवल यदि q" (p ↔ q) का अर्थ है कि "(यदि p तो q) और (यदि q तो p)"। यानी (p → q) ∧ (q → p)।
  • सत्यता: p ↔ q केवल तभी सत्य होता है जब p और q दोनों का सत्यता मान समान हो (या तो दोनों सत्य हों या दोनों असत्य हों)।
  • उदाहरण: "त्रिभुज समबाहु है यदि और केवल यदि उसके तीनों कोण बराबर हैं।" (सत्य, क्योंकि यदि त्रिभुज समबाहु है तो कोण बराबर होते हैं, और यदि कोण बराबर हैं तो त्रिभुज समबाहु होता है)।

8. कथनों की वैधता की जाँच (Validating Statements):

  • गणितीय कथनों को सिद्ध करने या उनकी वैधता जाँचने के कुछ तरीके:
    • प्रत्यक्ष उपपत्ति (Direct Proof): p को सत्य मानकर तार्किक चरणों द्वारा q को सत्य सिद्ध करना (p → q के लिए)।
    • प्रतिधनात्मक द्वारा उपपत्ति (Proof by Contrapositive): p → q को सिद्ध करने के लिए, उसके तुल्य कथन ~q → ~p को सिद्ध करना। ~q को सत्य मानकर ~p को सत्य सिद्ध करना।
    • विरोधाभास द्वारा उपपत्ति (Proof by Contradiction): कथन को असत्य मान लेना और फिर तार्किक चरणों द्वारा एक विरोधाभास (Contradiction - ऐसी स्थिति जो असंभव हो, जैसे 1=0) प्राप्त करना। इससे सिद्ध होता है कि हमारी प्रारंभिक मान्यता (कथन का असत्य होना) गलत थी, अतः कथन सत्य है।
    • प्रत्युदाहरण द्वारा खंडन (Disproof by Counterexample): किसी "सभी के लिए" (∀) प्रकार के कथन को असत्य सिद्ध करने के लिए, केवल एक ऐसा उदाहरण देना पर्याप्त है जिसके लिए वह कथन सत्य नहीं है।

निष्कर्ष: गणितीय विवेचन गणित की भाषा की शुद्धता और स्पष्टता सुनिश्चित करता है। यह हमें तार्किक रूप से सोचने और निष्कर्ष निकालने में प्रशिक्षित करता है, जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं और उच्च अध्ययन के लिए अत्यंत आवश्यक है।


अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा एक गणितीय कथन है?
(a) कृपया शांत रहें।
(b) x + 5 = 11
(c) आज मौसम कितना अच्छा है!
(d) 5 एक अभाज्य संख्या है।

प्रश्न 2: कथन "सभी वास्तविक संख्याओं x के लिए x² ≥ 0" का निषेधन क्या है?
(a) सभी वास्तविक संख्याओं x के लिए x² < 0
(b) कम से कम एक वास्तविक संख्या x ऐसी है जिसके लिए x² < 0
(c) कम से कम एक वास्तविक संख्या x ऐसी है जिसके लिए x² ≥ 0
(d) कोई वास्तविक संख्या x ऐसी नहीं है जिसके लिए x² ≥ 0

प्रश्न 3: यदि p: "7 एक विषम संख्या है" और q: "10, 3 से भाज्य है", तो मिश्र कथन p ∧ q का सत्यता मान क्या है?
(a) सत्य
(b) असत्य
(c) निर्धारित नहीं किया जा सकता
(d) दोनों सत्य और असत्य

प्रश्न 4: कथन "यदि आप परिश्रम करते हैं, तो आप सफल होंगे" का प्रतिधनात्मक (Contrapositive) क्या है?
(a) यदि आप सफल नहीं होंगे, तो आप परिश्रम नहीं करते हैं।
(b) यदि आप सफल होंगे, तो आप परिश्रम करते हैं।
(c) यदि आप परिश्रम नहीं करते हैं, तो आप सफल नहीं होंगे।
(d) आप परिश्रम करते हैं और आप सफल होते हैं।

प्रश्न 5: कथन p → q कब असत्य होता है?
(a) जब p सत्य है और q असत्य है।
(b) जब p असत्य है और q सत्य है।
(c) जब p और q दोनों असत्य हैं।
(d) जब p और q दोनों सत्य हैं।

प्रश्न 6: मिश्र कथन "2 एक सम संख्या है या √3 एक परिमेय संख्या है" का सत्यता मान क्या है? (p: "2 एक सम संख्या है", q: "√3 एक परिमेय संख्या है")
(a) सत्य
(b) असत्य
(c) जानकारी अपर्याप्त है
(d) न सत्य न असत्य

प्रश्न 7: कथन "यदि x = 3, तो x² = 9" का विलोम (Converse) क्या है?
(a) यदि x² ≠ 9, तो x ≠ 3
(b) यदि x ≠ 3, तो x² ≠ 9
(c) यदि x² = 9, तो x = 3
(d) x = 3 यदि और केवल यदि x² = 9

प्रश्न 8: कथन "p यदि और केवल यदि q" (p ↔ q) तार्किक रूप से किसके तुल्य है?
(a) (p → q) ∨ (q → p)
(b) (p ∧ q) → (p ∨ q)
(c) (p → q) ∧ (q → p)
(d) (~p → ~q)

प्रश्न 9: कथन "कम से कम एक पूर्णांक x ऐसा है कि x + 2 = 5" का निषेधन क्या है?
(a) कम से कम एक पूर्णांक x ऐसा है कि x + 2 ≠ 5
(b) सभी पूर्णांकों x के लिए, x + 2 = 5
(c) सभी पूर्णांकों x के लिए, x + 2 ≠ 5
(d) कोई पूर्णांक x ऐसा नहीं है कि x + 2 ≠ 5

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य कथन नहीं है?
(a) वर्ग की सभी भुजाएँ बराबर होती हैं।
(b) 0 एक धनात्मक संख्या है।
(c) गणित एक रोचक विषय है।
(d) 8, 4 से विभाज्य है।


उत्तरमाला (MCQs):

  1. (d) - यह एक घोषणात्मक वाक्य है जो सत्य है। (b) एक खुला वाक्य है, कथन नहीं जब तक x का मान ज्ञात न हो। (a) आदेशात्मक है, (c) विस्मयादिबोधक है।
  2. (b) - ∀x, P(x) का निषेधन ∃x, ¬P(x) होता है। यहाँ P(x) है x² ≥ 0, तो ¬P(x) है x² < 0।
  3. (b) - p सत्य है, q असत्य है। p ∧ q सत्य होने के लिए दोनों का सत्य होना आवश्यक है, अतः p ∧ q असत्य है।
  4. (a) - p → q का प्रतिधनात्मक ~q → ~p होता है। p: "आप परिश्रम करते हैं", q: "आप सफल होंगे"। ~q: "आप सफल नहीं होंगे", ~p: "आप परिश्रम नहीं करते हैं"। अतः ~q → ~p है "यदि आप सफल नहीं होंगे, तो आप परिश्रम नहीं करते हैं।"
  5. (a) - परिभाषा के अनुसार, p → q केवल तभी असत्य होता है जब पूर्ववर्ती (p) सत्य हो और परिणामी (q) असत्य हो।
  6. (a) - p ("2 एक सम संख्या है") सत्य है। q ("√3 एक परिमेय संख्या है") असत्य है। p ∨ q सत्य होता है यदि कम से कम एक कथन सत्य हो। चूँकि p सत्य है, इसलिए p ∨ q सत्य है।
  7. (c) - p → q का विलोम q → p होता है। p: "x = 3", q: "x² = 9"। अतः विलोम है "यदि x² = 9, तो x = 3"।
  8. (c) - परिभाषा के अनुसार, p ↔ q का अर्थ है (p → q) और (q → p)।
  9. (c) - ∃x, P(x) का निषेधन ∀x, ¬P(x) होता है। यहाँ P(x) है x + 2 = 5, तो ¬P(x) है x + 2 ≠ 5। अतः निषेधन है "सभी पूर्णांकों x के लिए, x + 2 ≠ 5"।
  10. (c) - "गणित एक रोचक विषय है" एक व्यक्तिपरक (subjective) वाक्य है। इसकी सत्यता या असत्यता सार्वभौमिक रूप से स्थापित नहीं की जा सकती, यह व्यक्ति की राय पर निर्भर करता है। इसलिए, यह गणितीय कथन नहीं है। (a), (b), (d) स्पष्ट रूप से सत्य या असत्य कथन हैं।

इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छी तरह से अध्ययन करें। यह आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक सिद्ध होगा। शुभकामनाएँ!

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