Class 11 Mathematics Notes Chapter 4 (गणितीय आगमन का सिद्धांत) – Ganit Book

नमस्ते विद्यार्थियों!
आज हम कक्षा 11 गणित के एक बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण अध्याय - अध्याय 4: गणितीय आगमन का सिद्धांत (Principle of Mathematical Induction) का अध्ययन करेंगे। यह सिद्धांत गणितीय कथनों को सभी प्राकृत संख्याओं (Natural Numbers) के लिए सिद्ध करने की एक शक्तिशाली विधि है। प्रतियोगी परीक्षाओं में सीधे इस सिद्धांत से लम्बे प्रश्न भले ही न आएं, लेकिन इस सिद्धांत पर आधारित परिणाम (जैसे श्रेणी के योग के सूत्र) और इसकी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गणितीय आगमन का सिद्धांत क्या है?
कल्पना कीजिए कि आपके पास डोमिनोज़ (dominoes) की एक अनंत पंक्ति है, और आप यह साबित करना चाहते हैं कि सभी डोमिनोज़ गिर जाएंगे। आप क्या करेंगे?
- आप पहले डोमिनो को धक्का देंगे (गिराएंगे)।
- आप यह सुनिश्चित करेंगे कि यदि कोई भी डोमिनो (मान लीजिए k-वाँ डोमिनो) गिरता है, तो वह अपने अगले डोमिनो (k+1 वाँ डोमिनो) को भी गिरा देगा।
यदि ये दोनों शर्तें पूरी होती हैं, तो आप निश्चित रूप से कह सकते हैं कि सभी डोमिनो गिर जाएंगे। गणितीय आगमन का सिद्धांत ठीक इसी तरह काम करता है।
यह सिद्धांत किसी दिए गए गणितीय कथन P(n) को सभी प्राकृत संख्याओं n ∈ N (या कभी-कभी n ≥ a, जहाँ a कोई पूर्णांक है) के लिए सिद्ध करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
सिद्धांत के चरण:
किसी कथन P(n) को सभी प्राकृत संख्याओं n के लिए सिद्ध करने हेतु निम्नलिखित तीन चरण होते हैं:
-
आधार चरण (Base Step):
- सर्वप्रथम, हम कथन को सबसे छोटी प्राकृत संख्या, सामान्यतः n = 1, के लिए सत्य सिद्ध करते हैं।
- यानी, हम दिखाते हैं कि P(1) सत्य है।
- (यदि कथन n ≥ a के लिए सिद्ध करना है, तो आधार चरण n = a होगा)।
-
आगमनात्मक परिकल्पना (Inductive Hypothesis):
- हम यह मान लेते हैं कि दिया गया कथन किसी यादृच्छिक (arbitrary) धनात्मक पूर्णांक k के लिए सत्य है।
- अर्थात्, हम मान लेते हैं कि P(k) सत्य है (जहाँ k ≥ 1 या k ≥ a जैसा भी प्रश्न में दिया हो)।
-
आगमनात्मक चरण (Inductive Step):
- अब, आगमनात्मक परिकल्पना (P(k) सत्य है) का उपयोग करते हुए, हमें यह सिद्ध करना होता है कि कथन P(k+1) भी सत्य है।
- यानी, हमें दिखाना है कि यदि P(k) सत्य है, तो P(k+1) भी अनिवार्य रूप से सत्य होगा।
निष्कर्ष:
यदि हम आधार चरण (P(1) सत्य है) और आगमनात्मक चरण (यदि P(k) सत्य है, तो P(k+1) भी सत्य है) दोनों को सफलतापूर्वक सिद्ध कर देते हैं, तो गणितीय आगमन के सिद्धांत द्वारा, हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि कथन P(n) सभी प्राकृत संख्याओं n (या n ≥ a) के लिए सत्य है।
गणितीय आगमन से सिद्ध होने वाले कथनों के प्रकार:
इस सिद्धांत का प्रयोग मुख्यतः निम्नलिखित प्रकार के कथनों को सिद्ध करने में होता है:
-
श्रेणियों के योग के सूत्र (Summation Formulas):
- उदाहरण: सिद्ध कीजिए कि सभी n ∈ N के लिए, 1 + 2 + 3 + ... + n = n(n+1)/2.
- विधि:
- P(n): 1 + 2 + ... + n = n(n+1)/2
- आधार चरण: n=1 के लिए, LHS = 1, RHS = 1(1+1)/2 = 1. अतः P(1) सत्य है।
- आगमनात्मक परिकल्पना: मान लीजिए P(k) सत्य है, अर्थात् 1 + 2 + ... + k = k(k+1)/2.
- आगमनात्मक चरण: हमें सिद्ध करना है कि P(k+1) सत्य है, अर्थात् 1 + 2 + ... + k + (k+1) = (k+1)((k+1)+1)/2 = (k+1)(k+2)/2.
- LHS = (1 + 2 + ... + k) + (k+1)
- = [k(k+1)/2] + (k+1) (परिकल्पना का प्रयोग)
- = (k+1) [k/2 + 1]
- = (k+1) [(k+2)/2]
- = (k+1)(k+2)/2 = RHS.
- अतः P(k+1) सत्य है।
- निष्कर्ष: गणितीय आगमन सिद्धांत से, P(n) सभी n ∈ N के लिए सत्य है।
-
विभाज्यता के कथन (Divisibility Statements):
- उदाहरण: सिद्ध कीजिए कि सभी n ∈ N के लिए, n³ - n, 3 से विभाज्य है।
- विधि:
- P(n): n³ - n, 3 से विभाज्य है।
- आधार चरण: n=1 के लिए, 1³ - 1 = 0, जो 3 से विभाज्य है (0 किसी भी गैर-शून्य संख्या से विभाज्य होता है)। अतः P(1) सत्य है।
- आगमनात्मक परिकल्पना: मान लीजिए P(k) सत्य है, अर्थात् k³ - k, 3 से विभाज्य है। इसका मतलब है कि k³ - k = 3m (जहाँ m कोई पूर्णांक है)।
- आगमनात्मक चरण: हमें सिद्ध करना है कि P(k+1) सत्य है, अर्थात् (k+1)³ - (k+1), 3 से विभाज्य है।
- (k+1)³ - (k+1) = (k³ + 3k² + 3k + 1) - (k+1)
- = k³ + 3k² + 3k + 1 - k - 1
- = (k³ - k) + 3k² + 3k
- = 3m + 3(k² + k) (परिकल्पना का प्रयोग)
- = 3 [m + k² + k]
- चूंकि m, k पूर्णांक हैं, इसलिए (m + k² + k) भी एक पूर्णांक है।
- अतः (k+1)³ - (k+1), 3 से विभाज्य है। P(k+1) सत्य है।
- निष्कर्ष: गणितीय आगमन सिद्धांत से, P(n) सभी n ∈ N के लिए सत्य है।
-
असमिकाएं (Inequalities):
- उदाहरण: सिद्ध कीजिए कि सभी n ≥ 1 के लिए, 2ⁿ > n.
- (इस प्रकार के प्रश्न भी इसी विधि से हल किए जाते हैं, पर प्रतियोगी परीक्षाओं में योग और विभाज्यता अधिक सामान्य हैं)।
परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बातें:
- सिद्धांत के तीनों चरणों (आधार, परिकल्पना, आगमनात्मक चरण) को स्पष्ट रूप से समझें।
- आगमनात्मक चरण में, परिकल्पना (P(k) का सत्य होना) का उपयोग करना अनिवार्य है।
- प्रमुख योग सूत्र (जैसे प्रथम n प्राकृत संख्याओं का योग, उनके वर्गों का योग, घनों का योग) याद रखें, क्योंकि ये सीधे MCQ में पूछे जा सकते हैं।
- Σn = n(n+1)/2
- Σn² = n(n+1)(2n+1)/6
- Σn³ = [n(n+1)/2]²
- विभाज्यता वाले प्रश्नों में, P(k) = (भाजक) * m मानकर P(k+1) को भी उसी भाजक का गुणज सिद्ध करना होता है।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: गणितीय आगमन का सिद्धांत मुख्य रूप से किसे सिद्ध करने के लिए प्रयोग किया जाता है?
(a) केवल समीकरणों को
(b) केवल असमिकाओं को
(c) सभी प्राकृत संख्याओं n के लिए गणितीय कथनों को
(d) केवल ज्यामितीय प्रमेयों को
प्रश्न 2: गणितीय आगमन के सिद्धांत में पहला चरण क्या होता है?
(a) आगमनात्मक परिकल्पना मानना
(b) आगमनात्मक चरण सिद्ध करना
(c) आधार चरण (n=1 या न्यूनतम मान के लिए) सिद्ध करना
(d) कथन P(k+1) लिखना
प्रश्न 3: यदि कथन P(n) है "1 + 3 + 5 + ... + (2n-1) = n²", तो आधार चरण (n=1) में क्या सिद्ध किया जाएगा?
(a) 1 = 1²
(b) 1 + 3 = 2²
(c) 1 + 3 + 5 = 3²
(d) P(k) सत्य है
प्रश्न 4: गणितीय आगमन के 'आगमनात्मक चरण' में, यदि हम मान लेते हैं कि P(k) सत्य है, तो हमें क्या सिद्ध करना होता है?
(a) P(1) सत्य है
(b) P(k) असत्य है
(c) P(k+1) सत्य है
(d) P(k-1) सत्य है
प्रश्न 5: कथन P(n): "n(n+1)(n+5) संख्या 3 का एक गुणज है" के लिए P(k+1) क्या होगा?
(a) k(k+1)(k+5) संख्या 3 का गुणज है
(b) (k+1)(k+2)(k+6) संख्या 3 का गुणज है
(c) (k+1)(k+2)(k+5) संख्या 3 का गुणज है
(d) k(k+2)(k+6) संख्या 3 का गुणज है
प्रश्न 6: गणितीय आगमन द्वारा सिद्ध किया जा सकता है कि प्रत्येक प्राकृत संख्या n के लिए, 7ⁿ - 3ⁿ किससे विभाज्य है?
(a) 3
(b) 7
(c) 10
(d) 4
प्रश्न 7: प्रथम n प्राकृत संख्याओं के घनों का योग (Σn³) किसके बराबर होता है?
(a) n(n+1)/2
(b) [n(n+1)/2]²
(c) n(n+1)(2n+1)/6
(d) n²
प्रश्न 8: गणितीय आगमन सिद्धांत में आगमनात्मक परिकल्पना (Inductive Hypothesis) क्या है?
(a) P(1) का सत्य होना
(b) P(k) का सत्य मान लेना
(c) P(k+1) का सत्य सिद्ध करना
(d) कथन का असत्य होना
प्रश्न 9: कथन P(n): "1² + 2² + ... + n² = n(n+1)(2n+1)/6" को सिद्ध करने के लिए आगमनात्मक चरण में, P(k) सत्य मानने के बाद, P(k+1) के LHS (बायें पक्ष) को सरल बनाने के लिए P(k) के मान के साथ कौन सा पद जोड़ा जाता है?
(a) k²
(b) (k+1)²
(c) (k+1)(k+2)(2k+3)/6
(d) n²
प्रश्न 10: यदि गणितीय आगमन द्वारा यह सिद्ध हो जाए कि P(1) सत्य है और P(k) के सत्य होने पर P(k+1) भी सत्य होता है, तो इसका क्या निष्कर्ष निकलता है?
(a) P(n) केवल n=1 के लिए सत्य है।
(b) P(n) केवल कुछ प्राकृत संख्याओं के लिए सत्य है।
(c) P(n) सभी प्राकृत संख्याओं n के लिए सत्य है।
(d) P(n) किसी भी प्राकृत संख्या के लिए सत्य नहीं है।
उत्तरमाला (MCQs):
- (c)
- (c)
- (a)
- (c)
- (b) (ध्यान दें: n को k+1 से बदलें -> (k+1)((k+1)+1)((k+1)+5) = (k+1)(k+2)(k+6))
- (d) (n=1 के लिए 7-3=4, n=2 के लिए 49-9=40, दोनों 4 से विभाज्य)
- (b)
- (b)
- (b) (P(k+1) का LHS = (1² + ... + k²) + (k+1)² = P(k) का RHS + (k+1)²)
- (c)
इस अध्याय का अच्छी तरह से अभ्यास करें। विशेष रूप से योग सूत्रों और विभाज्यता के प्रश्नों पर ध्यान दें। शुभकामनाएँ!