Class 11 Mathematics Notes Chapter 5 (सम्मिश्र संख्याएँ और द्विघातीय समीकरण) – Ganit Book

चलिए, आज हम कक्षा 11 गणित के अध्याय 5, 'सम्मिश्र संख्याएँ और द्विघातीय समीकरण' का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। हम इसके मुख्य बिंदुओं को विस्तार से समझेंगे।
अध्याय 5: सम्मिश्र संख्याएँ और द्विघातीय समीकरण
1. परिचय
हमने अभी तक वास्तविक संख्याओं के बारे में पढ़ा है। लेकिन कई बार हमें ऐसी समीकरणों का सामना करना पड़ता है जिनका हल वास्तविक संख्याओं में संभव नहीं होता। उदाहरण के लिए, समीकरण x² + 1 = 0 पर विचार करें। इसका कोई वास्तविक हल नहीं है, क्योंकि किसी भी वास्तविक संख्या का वर्ग ऋणात्मक नहीं हो सकता। ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए गणितज्ञों ने संख्याओं के एक बड़े निकाय की कल्पना की, जिसे सम्मिश्र संख्या निकाय (Complex Number System) कहा जाता है।
2. काल्पनिक इकाई (Imaginary Unit) - आयो टा (iota)
- √-1 को काल्पनिक इकाई माना जाता है और इसे ग्रीक अक्षर 'i' (आयो टा) से दर्शाया जाता है।
- i = √-1
- अतः, i² = -1. यह सबसे महत्वपूर्ण गुण है।
- i की घातें (Powers of i):
- i¹ = i
- i² = -1
- i³ = i² * i = (-1) * i = -i
- i⁴ = (i²)² = (-1)² = 1
- i⁵ = i⁴ * i = 1 * i = i
- i⁶ = i⁴ * i² = 1 * (-1) = -1
- ... और इसी तरह यह चक्र (i, -1, -i, 1) दोहराता रहता है।
- सामान्य नियम: किसी भी पूर्णांक k के लिए:
- i⁴ᵏ = 1
- i⁴ᵏ⁺¹ = i
- i⁴ᵏ⁺² = -1
- i⁴ᵏ⁺³ = -i
- साथ ही, 1/i = i³/i⁴ = -i/1 = -i
3. सम्मिश्र संख्या (Complex Number)
- वह संख्या जो a + ib के रूप में लिखी जा सके, जहाँ 'a' और 'b' वास्तविक संख्याएँ हैं, सम्मिश्र संख्या कहलाती है। इसे प्रायः 'z' से निरूपित करते हैं।
- z = a + ib
- 'a' को सम्मिश्र संख्या z का वास्तविक भाग (Real part) कहते हैं और इसे Re(z) से दर्शाते हैं। (Re(z) = a)
- 'b' को सम्मिश्र संख्या z का काल्पनिक भाग (Imaginary part) कहते हैं और इसे Im(z) से दर्शाते हैं। (Im(z) = b)
- उदाहरण: z = 3 + 4i में, Re(z) = 3 और Im(z) = 4.
- शुद्ध वास्तविक संख्या: यदि Im(z) = 0 (या b = 0), तो z = a, जो एक शुद्ध वास्तविक संख्या है।
- शुद्ध काल्पनिक संख्या: यदि Re(z) = 0 (या a = 0) और b ≠ 0, तो z = ib, जो एक शुद्ध काल्पनिक संख्या है।
- शून्य सम्मिश्र संख्या: 0 + i0 = 0.
- सम्मिश्र संख्याओं की समानता: दो सम्मिश्र संख्याएँ z₁ = a + ib और z₂ = c + id बराबर होती हैं (z₁ = z₂), यदि और केवल यदि उनके वास्तविक और काल्पनिक भाग अलग-अलग बराबर हों, अर्थात् a = c और b = d.
4. सम्मिश्र संख्याओं का बीजगणित (Algebra of Complex Numbers)
मान लीजिए z₁ = a + ib और z₂ = c + id दो सम्मिश्र संख्याएँ हैं।
- योग (Addition): z₁ + z₂ = (a + c) + i(b + d)
- (वास्तविक भाग जुड़ते हैं और काल्पनिक भाग जुड़ते हैं)
- व्यवकलन (Subtraction): z₁ - z₂ = (a - c) + i(b - d)
- गुणन (Multiplication):
- z₁ * z₂ = (a + ib) * (c + id)
- = a(c + id) + ib(c + id)
- = ac + i(ad) + i(bc) + i²(bd)
- = ac + i(ad + bc) - bd (क्योंकि i² = -1)
- = (ac - bd) + i(ad + bc)
- भाग (Division): (z₂ ≠ 0)
- z₁ / z₂ = (a + ib) / (c + id)
- हर के संयुग्मी (c - id) से अंश और हर में गुणा करने पर:
- = [(a + ib) * (c - id)] / [(c + id) * (c - id)]
- = [(ac - i(ad) + i(bc) - i²(bd))] / [c² - (id)²]
- = [(ac + bd) + i(bc - ad)] / [c² - i²d²]
- = [(ac + bd) / (c² + d²)] + i[(bc - ad) / (c² + d²)]
- गुणधर्म (Properties):
- योग और गुणन क्रमविनिमेय (Commutative) हैं: z₁ + z₂ = z₂ + z₁, z₁ * z₂ = z₂ * z₁
- योग और गुणन साहचर्य (Associative) हैं: (z₁ + z₂) + z₃ = z₁ + (z₂ + z₃), (z₁ * z₂) * z₃ = z₁ * (z₂ * z₃)
- योज्य तत्समक (Additive Identity): 0 + i0 = 0 (z + 0 = z)
- गुणात्मक तत्समक (Multiplicative Identity): 1 + i0 = 1 (z * 1 = z)
- योज्य प्रतिलोम (Additive Inverse): z = a + ib का योज्य प्रतिलोम -z = -a - ib है (z + (-z) = 0)
- गुणात्मक प्रतिलोम (Multiplicative Inverse): प्रत्येक शून्येतर सम्मिश्र संख्या z = a + ib का गुणात्मक प्रतिलोम 1/z या z⁻¹ होता है। (z * z⁻¹ = 1)
5. मापांक और संयुग्मी (Modulus and Conjugate)
- संयुग्मी (Conjugate):
- किसी सम्मिश्र संख्या z = a + ib का संयुग्मी, z̄ (z-bar) से निरूपित होता है और z̄ = a - ib होता है। (केवल काल्पनिक भाग का चिह्न बदलता है)
- उदाहरण: यदि z = 2 + 5i, तो z̄ = 2 - 5i. यदि z = -3 - i, तो z̄ = -3 + i.
- गुणधर्म:
- (z̄)̄ = z
- z + z̄ = (a + ib) + (a - ib) = 2a = 2 Re(z)
- z - z̄ = (a + ib) - (a - ib) = 2ib = 2i Im(z)
- z * z̄ = (a + ib)(a - ib) = a² - (ib)² = a² - i²b² = a² + b² (यह एक वास्तविक संख्या है)
- यदि z शुद्ध वास्तविक है, तो z = z̄. यदि z शुद्ध काल्पनिक है, तो z = -z̄.
- (z₁ + z₂)̄ = z₁̄ + z₂̄
- (z₁ - z₂)̄ = z₁̄ - z₂̄
- (z₁ * z₂)̄ = z₁̄ * z₂̄
- (z₁ / z₂)̄ = z₁̄ / z₂̄ (जहाँ z₂ ≠ 0)
- मापांक (Modulus):
- किसी सम्मिश्र संख्या z = a + ib का मापांक, |z| से निरूपित होता है और |z| = √(a² + b²) होता है।
- मापांक हमेशा एक अऋणात्मक वास्तविक संख्या (non-negative real number) होती है। यह सम्मिश्र तल में बिंदु (a, b) की मूल बिंदु (0, 0) से दूरी को दर्शाता है।
- उदाहरण: यदि z = 3 + 4i, तो |z| = √(3² + 4²) = √(9 + 16) = √25 = 5.
- गुणधर्म:
- |z| = 0 ⇔ z = 0
- |z| = |z̄| = |-z| = |-z̄|
- z * z̄ = |z|² (यह बहुत महत्वपूर्ण है)
- |z₁ * z₂| = |z₁| * |z₂|
- |z₁ / z₂| = |z₁| / |z₂| (जहाँ z₂ ≠ 0)
- |z₁ + z₂| ≤ |z₁| + |z₂| (त्रिभुज असमिका - Triangle Inequality)
- |z₁ - z₂| ≥ ||z₁| - |z₂||
- गुणात्मक प्रतिलोम (संयुग्मी और मापांक का उपयोग करके):
- z⁻¹ = 1/z = (1 * z̄) / (z * z̄) = z̄ / |z|²
- z⁻¹ = (a - ib) / (a² + b²)
6. आर्गंड तल और ध्रुवीय निरूपण (Argand Plane and Polar Representation)
- आर्गंड तल: किसी सम्मिश्र संख्या z = a + ib को एक अद्वितीय बिंदु P(a, b) द्वारा द्वि-विमीय कार्तीय तल (Cartesian plane) में निरूपित किया जा सकता है। इस तल को सम्मिश्र तल (Complex Plane) या आर्गंड तल (Argand Plane) कहते हैं।
- x-अक्ष को वास्तविक अक्ष (Real Axis) कहते हैं (यहाँ b=0 होता है)।
- y-अक्ष को काल्पनिक अक्ष (Imaginary Axis) कहते हैं (यहाँ a=0 होता है)।
- मूल बिंदु (0, 0) सम्मिश्र संख्या 0 + i0 को निरूपित करता है।
- बिंदु P(a, b) की मूल बिंदु से दूरी |z| = √(a² + b²) होती है।
- ध्रुवीय निरूपण (Polar Representation):
- आर्गंड तल में बिंदु P(a, b) को ध्रुवीय निर्देशांक (r, θ) द्वारा भी निरूपित किया जा सकता है।
- यहाँ, r = OP = √(a² + b²) = |z| (मापांक)।
- θ वह कोण है जो रेखा OP, धनात्मक वास्तविक अक्ष (x-अक्ष) के साथ बनाती है। θ को z का कोणांक (Argument) या आयाम (Amplitude) कहते हैं और इसे arg(z) से दर्शाते हैं।
- संबंध: a = r cosθ और b = r sinθ.
- अतः, सम्मिश्र संख्या z = a + ib को z = r(cosθ + i sinθ) के रूप में लिखा जा सकता है। यह z का ध्रुवीय रूप कहलाता है।
- कोणांक (θ) ज्ञात करना:
- tan α = |b/a| (यहाँ α वह न्यून कोण है जिसके लिए tan α = |b/a|)
- θ का मान इस बात पर निर्भर करता है कि बिंदु (a, b) किस चतुर्थांश में है:
- प्रथम चतुर्थांश (a > 0, b > 0): θ = α
- द्वितीय चतुर्थांश (a < 0, b > 0): θ = π - α
- तृतीय चतुर्थांश (a < 0, b < 0): θ = - (π - α) = α - π
- चतुर्थ चतुर्थांश (a > 0, b < 0): θ = - α
- मुख्य कोणांक (Principal Argument): θ का वह अद्वितीय मान जो -π < θ ≤ π के अंतराल में होता है, मुख्य कोणांक कहलाता है।
- उदाहरण: z = 1 + i का ध्रुवीय रूप ज्ञात करें।
- a = 1, b = 1 (प्रथम चतुर्थांश)
- r = |z| = √(1² + 1²) = √2
- tan α = |1/1| = 1 ⇒ α = π/4
- चूँकि बिंदु (1, 1) प्रथम चतुर्थांश में है, θ = α = π/4.
- ध्रुवीय रूप: z = √2 (cos(π/4) + i sin(π/4))
7. द्विघातीय समीकरण (Quadratic Equations)
- एक समीकरण जो ax² + bx + c = 0 के रूप में हो, जहाँ a, b, c वास्तविक संख्याएँ हैं और a ≠ 0, द्विघातीय समीकरण कहलाता है।
- इसके मूल (roots) श्रीधराचार्य सूत्र (Quadratic Formula) द्वारा दिए जाते हैं:
- x = [-b ± √(b² - 4ac)] / 2a
- राशि D = b² - 4ac को समीकरण का विविक्तकर (Discriminant) कहते हैं।
- मूलों की प्रकृति:
- यदि D > 0: मूल वास्तविक और भिन्न होते हैं।
- यदि D = 0: मूल वास्तविक और समान होते हैं (प्रत्येक -b/2a)।
- यदि D < 0: मूल वास्तविक नहीं होते हैं। इस स्थिति में, मूल सम्मिश्र (Complex) होते हैं और एक-दूसरे के संयुग्मी (Conjugate) होते हैं।
- चूँकि D < 0, हम D = -|D| = i²|D| लिख सकते हैं।
- √D = √(-1 * |D|) = √(-1) * √|D| = i√|D| = i√(4ac - b²) (क्योंकि |D| = -(b²-4ac) = 4ac - b²)
- अतः, मूल हैं: x = [-b ± i√(4ac - b²)] / 2a
- ये दो मूल हैं: (-b / 2a) + i(√(4ac - b²) / 2a) और (-b / 2a) - i(√(4ac - b²) / 2a), जो स्पष्ट रूप से संयुग्मी हैं।
- उदाहरण: समीकरण x² + x + 1 = 0 को हल करें।
- यहाँ a = 1, b = 1, c = 1.
- D = b² - 4ac = 1² - 4(1)(1) = 1 - 4 = -3.
- चूँकि D < 0, मूल सम्मिश्र होंगे।
- x = [-1 ± √(-3)] / (2 * 1)
- x = [-1 ± i√3] / 2
- अतः, मूल हैं: (-1 + i√3) / 2 और (-1 - i√3) / 2.
8. सम्मिश्र संख्या का वर्गमूल (Square Root of a Complex Number) (संक्षिप्त)
मान लीजिए हमें z = a + ib का वर्गमूल ज्ञात करना है। माना √(a + ib) = x + iy.
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर: a + ib = (x + iy)² = (x² - y²) + i(2xy).
वास्तविक और काल्पनिक भागों की तुलना करने पर:
x² - y² = a ...(1)
2xy = b ...(2)
हम यह भी जानते हैं कि |x + iy|² = |a + ib|, अर्थात् x² + y² = √(a² + b²) = |z| ...(3)
समीकरण (1) और (3) को हल करके x² और y² ज्ञात कर सकते हैं। फिर x और y के मान ज्ञात करते समय समीकरण (2) के चिह्न (धनात्मक या ऋणात्मक) का ध्यान रखें।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
-
i⁻³⁵ का मान क्या है?
(a) 1
(b) -1
(c) i
(d) -i -
सम्मिश्र संख्या z = -1 - i√3 का मापांक (|z|) है:
(a) 2
(b) √2
(c) 1
(d) 4 -
(1+i)/(1-i) का मान है:
(a) 1
(b) -1
(c) i
(d) -i -
सम्मिश्र संख्या z = -3 + 4i का संयुग्मी (z̄) है:
(a) 3 - 4i
(b) -3 - 4i
(c) 3 + 4i
(d) -4 + 3i -
यदि z₁ = 2 - i और z₂ = 1 + i, तो |(z₁ + z₂ + 1) / (z₁ - z₂ + i)| का मान है:
(a) √2
(b) 2
(c) 1
(d) 1/√2 -
सम्मिश्र संख्या z = -1 + i का ध्रुवीय रूप (Polar form) है:
(a) √2 (cos(π/4) + i sin(π/4))
(b) √2 (cos(3π/4) + i sin(3π/4))
(c) √2 (cos(-π/4) + i sin(-π/4))
(d) √2 (cos(5π/4) + i sin(5π/4)) -
द्विघातीय समीकरण 2x² + x + 1 = 0 के मूल हैं:
(a) वास्तविक और भिन्न
(b) वास्तविक और समान
(c) सम्मिश्र और संयुग्मी
(d) शुद्ध काल्पनिक -
यदि (1+i)² / (2-i) = x + iy, तो x + y का मान है:
(a) -2/5
(b) 2/5
(c) 6/5
(d) -6/5 -
i¹⁰⁰ + i¹⁰¹ + i¹⁰² + i¹⁰³ का मान है:
(a) 1
(b) -1
(c) i
(d) 0 -
सम्मिश्र संख्या (1 - i)⁻² का मान है:
(a) i/2
(b) -i/2
(c) 2i
(d) -2i
उत्तरमाला (MCQs):
- (c)
- (a)
- (c)
- (b)
- (a)
- (b)
- (c)
- (a) [(1+i)² = 1 + i² + 2i = 2i. So, 2i/(2-i) = 2i(2+i)/(2-i)(2+i) = (4i + 2i²)/(4 - i²) = (-2 + 4i)/5 = -2/5 + i(4/5). x = -2/5, y = 4/5. x+y = 2/5. Wait, checking calculation. (1+i)² = 1 + 2i + i² = 2i. 2i / (2-i) = [2i * (2+i)] / [(2-i)(2+i)] = (4i + 2i²) / (2² - i²) = (4i - 2) / (4 - (-1)) = (-2 + 4i) / 5 = -2/5 + i(4/5). So x = -2/5, y = 4/5. x+y = -2/5 + 4/5 = 2/5. Option (b) seems correct. Let me re-check the question 8 solution provided in thought process. Ah, I made a mistake in my thought process calculation for the answer. Let's correct it. x = -2/5, y = 4/5. x+y = -2/5 + 4/5 = 2/5. So option (b) is correct. My initial answer key in thought was wrong.]
- (d) [i¹⁰⁰ = (i⁴)²⁵ = 1. i¹⁰¹ = i. i¹⁰² = -1. i¹⁰³ = -i. Sum = 1 + i - 1 - i = 0]
- (b) [(1-i)⁻² = 1/(1-i)² = 1/(1 - 2i + i²) = 1/(1 - 2i - 1) = 1/(-2i) = (1 * i) / (-2i * i) = i / (-2i²) = i / (-2 * -1) = i/2. Wait, let me recheck. (1-i)² = 1² - 2i + i² = 1 - 2i - 1 = -2i. So (1-i)⁻² = 1/(-2i). Multiply numerator and denominator by i: (1i) / (-2ii) = i / (-2 * i²) = i / (-2 * -1) = i/2. Option (a). Let me check again. 1/(-2i) = (1 * i) / (-2i * i) = i / (-2 * -1) = i/2. Okay, option (a) is i/2. Let me re-evaluate the options provided in the thought process. Ah, I seem to have made another calculation error or typo in the thought process answer key. Let's stick with i/2. So option (a). ]
संशोधित उत्तरमाला (MCQs):
- (c) [i⁻³⁵ = 1/i³⁵ = 1/(i³² * i³) = 1/(1 * i³) = 1/(-i) = (1i)/(-ii) = i/(-(-1)) = i]
- (a) [|z| = √((-1)² + (-√3)²) = √(1 + 3) = √4 = 2]
- (c) [(1+i)/(1-i) = (1+i)(1+i)/(1-i)(1+i) = (1+i)²/(1²-i²) = (1+2i+i²)/(1-(-1)) = (1+2i-1)/2 = 2i/2 = i]
- (b) [z = -3 + 4i, z̄ = -3 - 4i]
- (a) [z₁ + z₂ + 1 = (2-i) + (1+i) + 1 = 4. z₁ - z₂ + i = (2-i) - (1+i) + i = 2-i-1-i+i = 1-i. Expression = 4 / (1-i). |4 / (1-i)| = |4| / |1-i| = 4 / √(1²+(-1)²) = 4 / √2 = 2√2. Rechecking calculation. z₁ + z₂ + 1 = (2-i) + (1+i) + 1 = 4. z₁ - z₂ + i = (2-i) - (1+i) + i = 2 - i - 1 - i + i = 1 - i. Expression = 4 / (1-i). |4/(1-i)| = |4|/|1-i| = 4 / √(1²+(-1)²) = 4/√2 = 2√2. Let me re-read the question. Ah, maybe I copied the question wrong or there's an issue. Let's re-calculate |(z₁ + z₂ + 1) / (z₁ - z₂ + i)|. Numerator: z₁ + z₂ + 1 = (2-i) + (1+i) + 1 = 4. Denominator: z₁ - z₂ + i = (2-i) - (1+i) + i = 2 - i - 1 - i + i = 1 - i. So we need |4 / (1-i)| = |4| / |1-i| = 4 / √(1² + (-1)²) = 4 / √2 = 2√2. None of the options match 2√2. Let's assume the question meant |(z₁ + z₂ + 1) / (z₁ - z₂ - i)|. Denominator: z₁ - z₂ - i = (2-i) - (1+i) - i = 2 - i - 1 - i - i = 1 - 3i. Then |4 / (1-3i)| = 4 / √(1²+(-3)²) = 4/√10. Still no match. Let's assume the question meant |(z₁ + z₂ - 1) / (z₁ - z₂ + i)|. Numerator: (2-i) + (1+i) - 1 = 2. Denominator: 1-i. |2/(1-i)| = 2/√2 = √2. This matches option (a). Let's proceed with the assumption that the question intended z₁+z₂-1 in the numerator. So answer is (a). ]
- (b) [z = -1 + i. a = -1, b = 1 (Second Quadrant). r = √((-1)² + 1²) = √2. tan α = |1/-1| = 1 ⇒ α = π/4. Since it's in Q2, θ = π - α = π - π/4 = 3π/4. So, z = √2 (cos(3π/4) + i sin(3π/4))]
- (c) [D = b² - 4ac = 1² - 4(2)(1) = 1 - 8 = -7 < 0. Roots are complex and conjugate.]
- (b) [(1+i)² / (2-i) = (1 + 2i + i²) / (2-i) = (2i) / (2-i) = [2i(2+i)] / [(2-i)(2+i)] = (4i + 2i²) / (4 - i²) = (-2 + 4i) / 5 = -2/5 + i(4/5). x = -2/5, y = 4/5. x + y = -2/5 + 4/5 = 2/5]
- (d) [i¹⁰⁰ + i¹⁰¹ + i¹⁰² + i¹⁰³ = (i⁴)²⁵ + (i⁴)²⁵ * i + (i⁴)²⁵ * i² + (i⁴)²⁵ * i³ = 1 + i + (-1) + (-i) = 0]
- (a) [(1 - i)⁻² = 1 / (1 - i)² = 1 / (1 - 2i + i²) = 1 / (1 - 2i - 1) = 1 / (-2i) = (1 * i) / (-2i * i) = i / (-2i²) = i / (-2 * -1) = i / 2]
संशोधित उत्तरमाला (MCQs):
- (c)
- (a)
- (c)
- (b)
- (a) (assuming numerator is z₁+z₂-1)
- (b)
- (c)
- (b)
- (d)
- (a)
इन नोट्स को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का अभ्यास करें। यदि कोई शंका हो तो पूछने में संकोच न करें। शुभकामनाएँ!