Class 12 Mathematics Notes Chapter 2 (प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन) – Ganit-I Book

प्रिय विद्यार्थियों,
गणित के इस महत्वपूर्ण अध्याय 'प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन' में आपका स्वागत है। यह अध्याय न केवल आपकी कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इससे संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। इस अध्याय की गहन समझ आपको कैलकुलस (कलन) के आगे के अध्यायों में भी सहायता करेगी।
आइए, इस अध्याय के महत्वपूर्ण बिंदुओं का विस्तार से अध्ययन करें।
अध्याय 2: प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन (Inverse Trigonometric Functions)
1. भूमिका एवं पूर्व-आवश्यक ज्ञान:
- फलन का प्रतिलोम (Inverse of a Function): कोई फलन $f: A \to B$ प्रतिलोमणीय (invertible) तभी होता है जब वह एकैकी (one-one) और आच्छादक (onto) दोनों हो।
- त्रिकोणमितीय फलन: sin x, cos x, tan x, cosec x, sec x, cot x अपने प्राकृतिक प्रांत (domain) में एकैकी और आच्छादक नहीं होते हैं, इसलिए वे प्रतिलोमणीय नहीं होते हैं।
- प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन की आवश्यकता: त्रिकोणमितीय फलनों को प्रतिलोमणीय बनाने के लिए, हम उनके प्रांत को प्रतिबंधित (restrict) करते हैं ताकि वे उस प्रतिबंधित प्रांत में एकैकी और आच्छादक हो जाएँ। इस प्रतिबंधित प्रांत में, फलन का प्रतिलोम परिभाषित किया जा सकता है। प्रतिलोम फलन का परिसर (range) मूल फलन का प्रतिबंधित प्रांत होता है।
2. प्रत्येक प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन का विस्तृत अध्ययन:
प्रत्येक प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन के लिए हम उसका प्रांत (Domain), मुख्य मान शाखा (Principal Value Branch / Range) का अध्ययन करेंगे। मुख्य मान शाखा को याद रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
a) sin⁻¹x (आर्कसाइन x):
- परिभाषा: यदि sin y = x, जहाँ y ∈ [-π/2, π/2] और x ∈ [-1, 1], तो y = sin⁻¹x.
- प्रांत (Domain): [-1, 1]
- मुख्य मान शाखा (Principal Value Branch / Range): [-π/2, π/2]
- विशेषता: यह एक विषम फलन है, अर्थात sin⁻¹(-x) = -sin⁻¹x.
b) cos⁻¹x (आर्ककोसाइन x):
- परिभाषा: यदि cos y = x, जहाँ y ∈ [0, π] और x ∈ [-1, 1], तो y = cos⁻¹x.
- प्रांत (Domain): [-1, 1]
- मुख्य मान शाखा (Principal Value Branch / Range): [0, π]
- विशेषता: यह एक सम फलन नहीं है। cos⁻¹(-x) = π - cos⁻¹x.
c) tan⁻¹x (आर्कटैन x):
- परिभाषा: यदि tan y = x, जहाँ y ∈ (-π/2, π/2) और x ∈ R, तो y = tan⁻¹x.
- प्रांत (Domain): R (सभी वास्तविक संख्याएँ)
- मुख्य मान शाखा (Principal Value Branch / Range): (-π/2, π/2) (खुला अंतराल)
- विशेषता: यह एक विषम फलन है, अर्थात tan⁻¹(-x) = -tan⁻¹x.
d) cosec⁻¹x (आर्ककोसेक x):
- परिभाषा: यदि cosec y = x, जहाँ y ∈ [-π/2, π/2] - {0} और x ∈ R - (-1, 1), तो y = cosec⁻¹x.
- प्रांत (Domain): R - (-1, 1) या (-∞, -1] ∪ [1, ∞)
- मुख्य मान शाखा (Principal Value Branch / Range): [-π/2, π/2] - {0}
- विशेषता: यह एक विषम फलन है, अर्थात cosec⁻¹(-x) = -cosec⁻¹x.
e) sec⁻¹x (आर्कसेक x):
- परिभाषा: यदि sec y = x, जहाँ y ∈ [0, π] - {π/2} और x ∈ R - (-1, 1), तो y = sec⁻¹x.
- प्रांत (Domain): R - (-1, 1) या (-∞, -1] ∪ [1, ∞)
- मुख्य मान शाखा (Principal Value Branch / Range): [0, π] - {π/2}
- विशेषता: sec⁻¹(-x) = π - sec⁻¹x.
f) cot⁻¹x (आर्ककॉट x):
- परिभाषा: यदि cot y = x, जहाँ y ∈ (0, π) और x ∈ R, तो y = cot⁻¹x.
- प्रांत (Domain): R (सभी वास्तविक संख्याएँ)
- मुख्य मान शाखा (Principal Value Branch / Range): (0, π) (खुला अंतराल)
- विशेषता: cot⁻¹(-x) = π - cot⁻¹x.
सारांश तालिका (Summary Table):
| फलन | प्रांत (Domain) | मुख्य मान शाखा (Range) |
|---|---|---|
| y = sin⁻¹x | [-1, 1] | [-π/2, π/2] |
| y = cos⁻¹x | [-1, 1] | [0, π] |
| y = tan⁻¹x | R | (-π/2, π/2) |
| y = cosec⁻¹x | R - (-1, 1) | [-π/2, π/2] - {0} |
| y = sec⁻¹x | R - (-1, 1) | [0, π] - {π/2} |
| y = cot⁻¹x | R | (0, π) |
3. प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलनों के महत्वपूर्ण गुणधर्म (Properties):
ये गुणधर्म प्रश्नों को हल करने में अत्यंत सहायक होते हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक समझें और याद रखें।
गुणधर्म 1: प्रतिलोम संबंध (Inverse Relations):
-
sin(sin⁻¹x) = x, यदि x ∈ [-1, 1]
-
cos(cos⁻¹x) = x, यदि x ∈ [-1, 1]
-
tan(tan⁻¹x) = x, यदि x ∈ R
-
cosec(cosec⁻¹x) = x, यदि |x| ≥ 1
-
sec(sec⁻¹x) = x, यदि |x| ≥ 1
-
cot(cot⁻¹x) = x, यदि x ∈ R
-
sin⁻¹(sin x) = x, यदि x ∈ [-π/2, π/2]
-
cos⁻¹(cos x) = x, यदि x ∈ [0, π]
-
tan⁻¹(tan x) = x, यदि x ∈ (-π/2, π/2)
-
cosec⁻¹(cosec x) = x, यदि x ∈ [-π/2, π/2], x ≠ 0
-
sec⁻¹(sec x) = x, यदि x ∈ [0, π], x ≠ π/2
-
cot⁻¹(cot x) = x, यदि x ∈ (0, π)
विशेष ध्यान दें: sin⁻¹(sin x) हमेशा x के बराबर नहीं होता है। यह तभी x के बराबर होता है जब x मुख्य मान शाखा में हो। उदाहरण के लिए, sin⁻¹(sin(2π/3)) = sin⁻¹(sin(π - π/3)) = sin⁻¹(sin(π/3)) = π/3, क्योंकि π/3 ∈ [-π/2, π/2].
गुणधर्म 2: ऋणात्मक मानों के लिए (Negative Values):
-
sin⁻¹(-x) = -sin⁻¹x, यदि x ∈ [-1, 1]
-
tan⁻¹(-x) = -tan⁻¹x, यदि x ∈ R
-
cosec⁻¹(-x) = -cosec⁻¹x, यदि |x| ≥ 1
-
cos⁻¹(-x) = π - cos⁻¹x, यदि x ∈ [-1, 1]
-
sec⁻¹(-x) = π - sec⁻¹x, यदि |x| ≥ 1
-
cot⁻¹(-x) = π - cot⁻¹x, यदि x ∈ R
गुणधर्म 3: व्युत्क्रम संबंध (Reciprocal Relations):
- cosec⁻¹x = sin⁻¹(1/x), यदि |x| ≥ 1
- sec⁻¹x = cos⁻¹(1/x), यदि |x| ≥ 1
- cot⁻¹x = tan⁻¹(1/x), यदि x > 0
- cot⁻¹x = π + tan⁻¹(1/x), यदि x < 0
गुणधर्म 4: पूरक कोण संबंध (Complementary Angle Relations):
- sin⁻¹x + cos⁻¹x = π/2, यदि x ∈ [-1, 1]
- tan⁻¹x + cot⁻¹x = π/2, यदि x ∈ R
- cosec⁻¹x + sec⁻¹x = π/2, यदि |x| ≥ 1
गुणधर्म 5: योग/अंतर सूत्र (Sum/Difference Formulas):
-
tan⁻¹x + tan⁻¹y = tan⁻¹((x+y)/(1-xy)), यदि xy < 1
-
tan⁻¹x + tan⁻¹y = π + tan⁻¹((x+y)/(1-xy)), यदि x > 0, y > 0 और xy > 1
-
tan⁻¹x + tan⁻¹y = -π + tan⁻¹((x+y)/(1-xy)), यदि x < 0, y < 0 और xy > 1
-
tan⁻¹x - tan⁻¹y = tan⁻¹((x-y)/(1+xy)), यदि xy > -1
-
sin⁻¹x + sin⁻¹y = sin⁻¹(x√(1-y²) + y√(1-x²)), यदि x, y ∈ [-1, 1] और x² + y² ≤ 1 या xy < 0
-
sin⁻¹x - sin⁻¹y = sin⁻¹(x√(1-y²) - y√(1-x²)), यदि x, y ∈ [-1, 1] और x² + y² ≤ 1 या xy > 0
-
cos⁻¹x + cos⁻¹y = cos⁻¹(xy - √(1-x²)√(1-y²)), यदि x, y ∈ [-1, 1] और x+y ≥ 0
-
cos⁻¹x - cos⁻¹y = cos⁻¹(xy + √(1-x²)√(1-y²)), यदि x, y ∈ [-1, 1] और x ≤ y
गुणधर्म 6: 2tan⁻¹x के सूत्र (Formulas for 2tan⁻¹x):
- 2tan⁻¹x = sin⁻¹(2x/(1+x²)), यदि |x| ≤ 1
- 2tan⁻¹x = cos⁻¹((1-x²)/(1+x²)), यदि x ≥ 0
- 2tan⁻¹x = tan⁻¹(2x/(1-x²)), यदि -1 < x < 1
गुणधर्म 7: एक प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन को दूसरे में बदलना (Conversion Formulas):
यह त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाओं और समकोण त्रिभुज की सहायता से किया जा सकता है।
उदाहरण: sin⁻¹x को tan⁻¹ में बदलना।
माना sin⁻¹x = θ, तो sin θ = x = x/1.
एक समकोण त्रिभुज में, लंब = x और कर्ण = 1.
पाइथागोरस प्रमेय से, आधार = √(कर्ण² - लंब²) = √(1² - x²) = √(1-x²).
तो, tan θ = लंब/आधार = x/√(1-x²).
अतः, sin⁻¹x = tan⁻¹(x/√(1-x²)).
इसी प्रकार अन्य रूपांतरण भी किए जा सकते हैं।
4. सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु:
- मुख्य मान शाखा पर जोर: किसी भी प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन का मान हमेशा उसकी मुख्य मान शाखा के भीतर ही होना चाहिए। यह सबसे आम गलती है।
- सूत्रों की शर्तें: योग/अंतर सूत्रों का उपयोग करते समय, उनकी शर्तों (जैसे xy < 1) पर विशेष ध्यान दें। यदि शर्तें पूरी नहीं होती हैं, तो परिणाम भिन्न हो सकता है या सूत्र का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
- सरलीकरण: दिए गए व्यंजकों को सरल बनाने के लिए उचित प्रतिस्थापन (जैसे x = sin θ, x = tan θ, x = cos 2θ) का उपयोग करें।
- समीकरण हल करना: प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलनों वाले समीकरणों को हल करते समय, अंत में प्राप्त मानों की जाँच अवश्य करें कि वे मूल समीकरण को संतुष्ट करते हैं या नहीं।
- ग्राफ का ज्ञान: यद्यपि ग्राफ सीधे तौर पर नहीं पूछे जाते, उनकी समझ आपको फलनों के प्रांत और परिसर को याद रखने में मदद करेगी।
यह अध्याय अभ्यास पर आधारित है। जितने अधिक प्रश्नों का आप अभ्यास करेंगे, उतनी ही आपकी अवधारणा स्पष्ट होगी।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) - 10 प्रश्न:
निर्देश: सही विकल्प का चयन करें।
-
sin⁻¹(1/2) का मुख्य मान क्या है?
(A) π/3
(B) π/6
(C) π/4
(D) 2π/3 -
cos⁻¹(-1/2) का मुख्य मान क्या है?
(A) π/3
(B) -π/3
(C) 2π/3
(D) 5π/6 -
tan⁻¹(√3) - sec⁻¹(-2) का मान क्या है?
(A) π/3
(B) -π/3
(C) π
(D) 2π/3 -
यदि sin⁻¹x = y, तो
(A) 0 ≤ y ≤ π
(B) -π/2 ≤ y ≤ π/2
(C) 0 < y < π
(D) -π/2 < y < π/2 -
tan⁻¹(1) + cos⁻¹(-1/2) + sin⁻¹(-1/2) का मान क्या है?
(A) 3π/4
(B) 3π/2
(C) 2π/3
(D) π -
sin(tan⁻¹x) का मान क्या है?
(A) x / √(1-x²)
(B) 1 / √(1-x²)
(C) 1 / √(1+x²)
(D) x / √(1+x²) -
यदि tan⁻¹x + tan⁻¹y = π/4, तो x + y + xy का मान क्या है?
(A) 1
(B) 2
(C) 0
(D) -1 -
cos⁻¹(cos(7π/6)) का मान क्या है?
(A) 7π/6
(B) 5π/6
(C) π/6
(D) -π/6 -
2tan⁻¹(1/2) का मान किसके बराबर है?
(A) tan⁻¹(4/3)
(B) tan⁻¹(1/4)
(C) tan⁻¹(2/3)
(D) tan⁻¹(1/2) -
यदि sin⁻¹x + sin⁻¹y = 2π/3 और cos⁻¹x - cos⁻¹y = π/3 है, तो x और y के मान क्या हैं?
(A) x = 1/2, y = √3/2
(B) x = √3/2, y = 1/2
(C) x = 1/2, y = 1/2
(D) x = √3/2, y = √3/2