Class 10 Science Notes Chapter 5 (Chapter 5) – Examplar Problems (Hindi) Book

चलिए, आज हम कक्षा 10 विज्ञान के अध्याय 5, 'तत्वों का आवर्त वर्गीकरण' के विस्तृत नोट्स का अध्ययन करेंगे जो आपकी सरकारी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे। यह अध्याय समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तत्वों के गुणों और उनके संबंधों की नींव रखता है।
अध्याय 5: तत्वों का आवर्त वर्गीकरण (Periodic Classification of Elements)
1. वर्गीकरण की आवश्यकता:
- प्रारंभ में बहुत कम तत्व ज्ञात थे, इसलिए उनका अलग-अलग अध्ययन करना संभव था।
- जैसे-जैसे अधिक तत्वों की खोज हुई, उनके गुणों का अलग-अलग अध्ययन करना कठिन होता गया।
- वैज्ञानिकों ने तत्वों के गुणों में समानताएँ खोजना शुरू किया ताकि उन्हें व्यवस्थित रूप से अध्ययन किया जा सके।
- वर्गीकरण से तत्वों के गुणों का अध्ययन आसान हो जाता है और किसी समूह के एक तत्व के गुण ज्ञात होने पर अन्य तत्वों के गुणों का अनुमान लगाया जा सकता है।
2. वर्गीकरण के प्रारंभिक प्रयास:
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डोबेराइनर के त्रिक (Dobereiner's Triads):
- सिद्धांत: जर्मन रसायनज्ञ जोहान वोल्फगैंग डोबेराइनर ने समान गुणधर्म वाले तत्वों को तीन-तीन के समूहों में व्यवस्थित करने का प्रयास किया, जिन्हें 'त्रिक' कहा गया।
- नियम: त्रिक के बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान, अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमानों का लगभग औसत होता है।
- उदाहरण:
- लिथियम (Li, 6.9), सोडियम (Na, 23.0), पोटैशियम (K, 39.0) -> (6.9 + 39.0) / 2 = 22.95 ≈ 23.0
- कैल्शियम (Ca, 40.1), स्ट्रॉन्शियम (Sr, 87.6), बेरियम (Ba, 137.3) -> (40.1 + 137.3) / 2 = 88.7 ≈ 87.6
- सीमाएँ: डोबेराइनर उस समय ज्ञात सभी तत्वों को त्रिक में वर्गीकृत नहीं कर सके। यह वर्गीकरण कुछ ही तत्वों के लिए सफल रहा।
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न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत (Newlands' Law of Octaves):
- सिद्धांत: अंग्रेज़ वैज्ञानिक जॉन न्यूलैंड्स ने ज्ञात तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम (बढ़ते क्रम) में व्यवस्थित किया।
- नियम: उन्होंने पाया कि प्रत्येक आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व के गुणधर्म के समान था, जैसे संगीत में आठवाँ स्वर पहले स्वर जैसा होता है (सा रे गा मा प ध नि सा)।
- उदाहरण: लिथियम (Li) से शुरू करने पर आठवाँ तत्व सोडियम (Na) आता है, और दोनों के गुणधर्म समान हैं। इसी प्रकार बेरिलियम (Be) और मैग्नीशियम (Mg) में समानता है।
- सीमाएँ:
- यह सिद्धांत केवल कैल्शियम (हल्के तत्वों) तक ही लागू होता था।
- न्यूलैंड्स ने कल्पना की कि प्रकृति में केवल 56 तत्व ही विद्यमान हैं और भविष्य में कोई नया तत्व नहीं मिलेगा।
- कुछ असमान गुण वाले तत्वों को एक साथ रख दिया गया (जैसे कोबाल्ट और निकेल को फ्लोरीन, क्लोरीन के साथ)।
- निष्क्रिय गैसों की खोज के बाद यह सिद्धांत अप्रासंगिक हो गया।
3. मेंडेलीव की आवर्त सारणी (Mendeleev's Periodic Table):
- आधार: रूसी रसायनज्ञ दिमित्री मेंडेलीव ने तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम तथा उनके रासायनिक गुणधर्मों (विशेषकर ऑक्साइडों और हाइड्राइडों के सूत्रों) में समानता के आधार पर व्यवस्थित किया।
- मेंडेलीव का आवर्त नियम: "तत्वों के गुणधर्म उनके परमाणु द्रव्यमानों के आवर्ती फलन होते हैं।" (Properties of elements are the periodic function of their atomic masses.)
- संरचना:
- समूह (Groups): ऊर्ध्वाधर स्तंभ (Vertical columns)। मेंडेलीव की मूल सारणी में 8 समूह थे। समूह संख्या तत्व द्वारा बनाए गए ऑक्साइड और हाइड्राइड के सूत्र को दर्शाती थी।
- आवर्त (Periods): क्षैतिज पंक्तियाँ (Horizontal rows)।
- उपलब्धियाँ:
- व्यवस्थित अध्ययन: तत्वों का अध्ययन पहली बार व्यवस्थित और सरल हुआ।
- नए तत्वों की भविष्यवाणी: मेंडेलीव ने अपनी सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़े और इन स्थानों पर आने वाले अज्ञात तत्वों के गुणों की भविष्यवाणी की। उदाहरण: एका-बोरॉन (बाद में स्कैंडियम), एका-एलुमिनियम (गैलियम), एका-सिलिकॉन (जर्मेनियम)। बाद में जब ये तत्व खोजे गए तो उनके गुण मेंडेलीव की भविष्यवाणी के समान पाए गए।
- परमाणु द्रव्यमानों में सुधार: कुछ तत्वों के परमाणु द्रव्यमानों को उनके गुणों के आधार पर सारणी में सही स्थान देने के लिए सुधारा गया (जैसे, बेरिलियम)।
- सीमाएँ:
- समस्थानिकों का स्थान (Position of Isotopes): समस्थानिकों के रासायनिक गुण समान होते हैं परन्तु परमाणु द्रव्यमान भिन्न होते हैं। मेंडेलीव की सारणी परमाणु द्रव्यमान पर आधारित थी, अतः समस्थानिकों को स्थान देना एक चुनौती थी।
- तत्वों का अनियमित क्रम: कुछ स्थानों पर अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्व को कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्व से पहले रखना पड़ा (जैसे, कोबाल्ट Co (58.9) को निकेल Ni (58.7) से पहले)।
- हाइड्रोजन का स्थान (Position of Hydrogen): हाइड्रोजन क्षार धातुओं (समूह 1) और हैलोजन (समूह 17) दोनों से समानता दर्शाता है, इसलिए इसका स्थान निश्चित नहीं हो पाया।
4. आधुनिक आवर्त सारणी (Modern Periodic Table):
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आधार: 1913 में हेनरी मोजले ने बताया कि तत्व का परमाणु संख्या (Atomic Number, Z) उसके परमाणु द्रव्यमान की तुलना में अधिक आधारभूत गुणधर्म है। परमाणु संख्या नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या होती है।
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आधुनिक आवर्त नियम: "तत्वों के गुणधर्म उनकी परमाणु संख्या के आवर्ती फलन होते हैं।" (Properties of elements are the periodic function of their atomic numbers.)
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संरचना:
- आवर्त (Periods): 7 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं। किसी आवर्त में तत्वों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि विभिन्न कोशों (K, L, M, N...) में इलेक्ट्रॉन किस प्रकार भरे जाते हैं।
- पहले आवर्त में 2 तत्व (सबसे छोटा आवर्त)।
- दूसरे और तीसरे आवर्त में 8-8 तत्व (लघु आवर्त)।
- चौथे और पाँचवें आवर्त में 18-18 तत्व (दीर्घ आवर्त)।
- छठे आवर्त में 32 तत्व (सबसे बड़ा आवर्त)।
- सातवाँ आवर्त अपूर्ण है (लेकिन अब पूर्ण माना जाता है)।
- समूह (Groups): 18 ऊर्ध्वाधर स्तंभ हैं।
- एक ही समूह के सभी तत्वों के संयोजकता इलेक्ट्रॉनों (valence electrons) की संख्या समान होती है।
- उदाहरण: समूह 1 (क्षार धातुएँ) के सभी तत्वों (Li, Na, K...) के बाह्यतम कोश में 1 इलेक्ट्रॉन होता है। समूह 17 (हैलोजन) के सभी तत्वों (F, Cl, Br...) के बाह्यतम कोश में 7 इलेक्ट्रॉन होते हैं। समूह 18 (उत्कृष्ट या निष्क्रिय गैसें) के तत्वों का बाह्यतम कोश पूर्ण होता है (He को छोड़कर सबके बाह्यतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन)।
- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और स्थिति: किसी तत्व की आवर्त संख्या उसके कोशों की संख्या बताती है, और समूह संख्या (मुख्यतः s और p ब्लॉक के लिए) उसके संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या से निर्धारित होती है।
- आवर्त (Periods): 7 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं। किसी आवर्त में तत्वों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि विभिन्न कोशों (K, L, M, N...) में इलेक्ट्रॉन किस प्रकार भरे जाते हैं।
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आधुनिक आवर्त सारणी में गुणों की आवर्तिता (Trends in Modern Periodic Table):
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संयोजकता (Valency):
- आवर्त में (बाएँ से दाएँ): पहले 1 से 4 तक बढ़ती है, फिर 0 तक घटती है (जैसे, तीसरे आवर्त में Na(1), Mg(2), Al(3), Si(4), P(3), S(2), Cl(1), Ar(0))।
- समूह में (ऊपर से नीचे): समान रहती है, क्योंकि संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान रहती है।
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परमाणु साइज़/त्रिज्या (Atomic Size/Radius): परमाणु के नाभिक के केंद्र से उसके सबसे बाहरी कोश की दूरी।
- आवर्त में (बाएँ से दाएँ): घटती है। कारण: नाभिकीय आवेश (प्रोटॉनों की संख्या) बढ़ता है, जो इलेक्ट्रॉनों को नाभिक की ओर अधिक प्रबलता से खींचता है, जबकि कोशों की संख्या समान रहती है।
- समूह में (ऊपर से नीचे): बढ़ती है। कारण: नए कोश जुड़ते जाते हैं, जिससे बाहरी इलेक्ट्रॉनों की नाभिक से दूरी बढ़ जाती है, भले ही नाभिकीय आवेश बढ़ता है।
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धात्विक गुण (Metallic Character): इलेक्ट्रॉन त्यागकर धनायन बनाने की प्रवृत्ति।
- आवर्त में (बाएँ से दाएँ): घटता है। कारण: नाभिकीय आवेश बढ़ने से इलेक्ट्रॉन त्यागना कठिन हो जाता है।
- समूह में (ऊपर से नीचे): बढ़ता है। कारण: परमाणु साइज़ बढ़ने से संयोजकता इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर हो जाते हैं और उन पर नाभिक का आकर्षण कम हो जाता है, जिससे इलेक्ट्रॉन त्यागना आसान हो जाता है।
- आवर्त सारणी में धातुएँ बाईं ओर तथा अधातुएँ दाईं ओर स्थित होती हैं। एक टेढ़ी-मेढ़ी रेखा (जिग-जैग लाइन) धातुओं को अधातुओं से अलग करती है, इस रेखा पर स्थित तत्व (जैसे बोरॉन, सिलिकॉन, जर्मेनियम, आर्सेनिक, एंटीमनी, टेल्यूरियम, पोलोनियम) उपधातु (metalloids) कहलाते हैं, जिनमें धातु और अधातु दोनों के गुण होते हैं।
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अधात्विक गुण (Non-metallic Character): इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति।
- आवर्त में (बाएँ से दाएँ): बढ़ता है। कारण: नाभिकीय आवेश बढ़ने से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की क्षमता बढ़ती है।
- समूह में (ऊपर से नीचे): घटता है। कारण: परमाणु साइज़ बढ़ने से नाभिक का आने वाले इलेक्ट्रॉन पर आकर्षण कम हो जाता है।
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ऑक्साइडों की प्रकृति (Nature of Oxides):
- धातुएँ सामान्यतः क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं (जैसे Na₂O, MgO)।
- अधातुएँ सामान्यतः अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं (जैसे SO₂, CO₂, P₂O₅)।
- आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर ऑक्साइडों की अम्लीय प्रकृति बढ़ती है और क्षारीय प्रकृति घटती है।
- कुछ धातु ऑक्साइड (जैसे Al₂O₃, ZnO) अम्लीय और क्षारीय दोनों व्यवहार दर्शाते हैं, इन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड (Amphoteric oxides) कहते हैं।
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निष्कर्ष: आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के वर्गीकरण की सबसे सफल और वैज्ञानिक प्रणाली है, जो परमाणु संख्या पर आधारित है। यह तत्वों के गुणों को समझने, उनकी भविष्यवाणी करने और उनके बीच संबंधों को स्थापित करने में अत्यंत उपयोगी है।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत के अनुसार, सोडियम के गुणधर्म किस तत्व के समान थे?
(A) पोटैशियम
(B) लिथियम
(C) मैग्नीशियम
(D) कैल्शियम
प्रश्न 2: मेंडेलीव की आवर्त सारणी किस गुणधर्म पर आधारित थी?
(A) परमाणु संख्या
(B) परमाणु द्रव्यमान
(C) संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(D) कोशों की संख्या
प्रश्न 3: आधुनिक आवर्त सारणी में, आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु त्रिज्या सामान्यतः:
(A) बढ़ती है
(B) घटती है
(C) अपरिवर्तित रहती है
(D) पहले बढ़ती है फिर घटती है
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा तत्व मेंडेलीव द्वारा भविष्यवाणी किए गए 'एका-एलुमिनियम' के स्थान पर खोजा गया?
(A) स्कैंडियम
(B) जर्मेनियम
(C) गैलियम
(D) टाइटेनियम
प्रश्न 5: आधुनिक आवर्त सारणी में कितने समूह और आवर्त हैं?
(A) 8 समूह, 7 आवर्त
(B) 7 समूह, 18 आवर्त
(C) 18 समूह, 7 आवर्त
(D) 17 समूह, 6 आवर्त
प्रश्न 6: किसी तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 3 है। यह आधुनिक आवर्त सारणी के किस आवर्त और समूह से संबंधित है?
(A) आवर्त 3, समूह 3
(B) आवर्त 2, समूह 13
(C) आवर्त 3, समूह 13
(D) आवर्त 8, समूह 3
प्रश्न 7: समूह में ऊपर से नीचे जाने पर धात्विक गुण:
(A) घटता है
(B) बढ़ता है
(C) अपरिवर्तित रहता है
(D) पहले घटता है फिर बढ़ता है
प्रश्न 8: आधुनिक आवर्त नियम किसने प्रतिपादित किया?
(A) डोबेराइनर
(B) न्यूलैंड्स
(C) मेंडेलीव
(D) हेनरी मोजले
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा तत्व एक उपधातु का उदाहरण है?
(A) सोडियम (Na)
(B) क्लोरीन (Cl)
(C) सिलिकॉन (Si)
(D) मैग्नीशियम (Mg)
प्रश्न 10: आधुनिक आवर्त सारणी में हैलोजन (Halogens) किस समूह में रखे गए हैं?
(A) समूह 1
(B) समूह 2
(C) समूह 17
(D) समूह 18
उत्तर कुंजी:
- (B) लिथियम (Li के बाद 8वां तत्व Na है)
- (B) परमाणु द्रव्यमान
- (B) घटती है
- (C) गैलियम
- (C) 18 समूह, 7 आवर्त
- (C) आवर्त 3 (तीन कोश K,L,M), समूह 13 (बाह्यतम कोश में 3 इलेक्ट्रॉन)
- (B) बढ़ता है
- (D) हेनरी मोजले
- (C) सिलिकॉन (Si)
- (C) समूह 17