Class 11 Chemistry Notes Chapter 1 (Chapter 1) – Examplar Problems (Hindi) Book

Examplar Problems (Hindi)
चलिए, आज हम रसायन विज्ञान के पहले अध्याय 'रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ' के उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। यह अध्याय पूरी रसायन विज्ञान की नींव है, इसलिए इसे समझना बहुत ज़रूरी है।

अध्याय 1: रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ - विस्तृत नोट्स (सरकारी परीक्षा हेतु)

1. रसायन विज्ञान का महत्व:

  • दवाओं, उर्वरकों, कीटनाशकों, साबुन, डिटर्जेंट, धातुओं, मिश्र धातुओं, पॉलिमर आदि के निर्माण में।
  • पर्यावरण संरक्षण, नए पदार्थों के संश्लेषण और विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका।

2. द्रव्य की प्रकृति:

  • द्रव्य (Matter): कोई भी वस्तु जिसका द्रव्यमान होता है और जो स्थान घेरती है।
  • अवस्थाएँ: ठोस (निश्चित आयतन और आकार), द्रव (निश्चित आयतन, अनिश्चित आकार), गैस (अनिश्चित आयतन और आकार)।
  • वर्गीकरण:
    • शुद्ध पदार्थ (Pure Substances): निश्चित संघटन वाले।
      • तत्व (Elements): एक ही प्रकार के परमाणुओं से बने (जैसे - Na, H, O)। इन्हें सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता।
      • यौगिक (Compounds): भिन्न तत्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में रासायनिक रूप से संयोजित (जैसे - H₂O, CO₂, NaCl)। इनके गुण अपने घटक तत्वों से भिन्न होते हैं।
    • मिश्रण (Mixtures): दो या अधिक पदार्थों (तत्व या यौगिक) का किसी भी अनुपात में भौतिक मिश्रण। इनके घटकों के गुण बरकरार रहते हैं।
      • समांगी मिश्रण (Homogeneous): संघटन सर्वत्र एकसमान (जैसे - चीनी का विलयन, हवा)।
      • विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous): संघटन सर्वत्र एकसमान नहीं (जैसे - रेत और पानी का मिश्रण, दाल में कंकड़)।

3. द्रव्य के गुणधर्म और उनका मापन:

  • भौतिक गुणधर्म (Physical Properties): जिन्हें पदार्थ की पहचान या संघटन को बदले बिना मापा या देखा जा सकता है (जैसे - रंग, गंध, गलनांक, क्वथनांक, घनत्व)।
  • रासायनिक गुणधर्म (Chemical Properties): जिन्हें मापने या देखने के लिए रासायनिक परिवर्तन आवश्यक है (जैसे - अम्लता, क्षारकता, दहनशीलता)।
  • मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति (SI Units):
    • लंबाई (Length): मीटर (m)
    • द्रव्यमान (Mass): किलोग्राम (kg)
    • समय (Time): सेकंड (s)
    • विद्युत धारा (Electric Current): ऐम्पियर (A)
    • ऊष्मागतिक ताप (Thermodynamic Temperature): केल्विन (K)
    • पदार्थ की मात्रा (Amount of Substance): मोल (mol)
    • ज्योति तीव्रता (Luminous Intensity): कैंडेला (cd)
  • द्रव्यमान और भार (Mass and Weight): द्रव्यमान पदार्थ की मात्रा है (स्थिर रहता है), भार गुरुत्वीय बल है (स्थान के साथ बदलता है)। SI मात्रक kg है।
  • आयतन (Volume): घेरा गया स्थान। SI मात्रक m³ है। सामान्य मात्रक लीटर (L) (1 L = 1000 mL = 1000 cm³ = 1 dm³)।
  • घनत्व (Density): प्रति इकाई आयतन का द्रव्यमान। SI मात्रक kg m⁻³ है। सामान्य मात्रक g cm⁻³ (ठोस/द्रव) या g L⁻¹ (गैस)। घनत्व = द्रव्यमान / आयतन।
  • ताप (Temperature): ऊष्मा के प्रवाह की दिशा बताने वाला गुणधर्म। मात्रक: °C (डिग्री सेल्सियस), °F (डिग्री फ़ारेनहाइट), K (केल्विन)।
    • K = °C + 273.15
    • °F = (9/5)°C + 32

4. मापन में अनिश्चितता:

  • वैज्ञानिक संकेतन (Scientific Notation): संख्याओं को N × 10ⁿ के रूप में लिखना (जहाँ N, 1 से 10 के बीच की संख्या है और n एक पूर्णांक घातांक है)। जैसे - 602,200,000,000,000,000,000,000 = 6.022 × 10²³
  • सार्थक अंक (Significant Figures): वे अर्थपूर्ण अंक जो निश्चितता के साथ ज्ञात हों, साथ ही अनिश्चितता दर्शाने वाला अंतिम अंक।
    • सभी गैर-शून्य अंक सार्थक होते हैं।
    • गैर-शून्य अंकों के बीच के शून्य सार्थक होते हैं (जैसे 205 में 3 सार्थक अंक)।
    • दशमलव के बिना संख्या में अंतिम शून्य सार्थक हो भी सकते हैं और नहीं भी (वैज्ञानिक संकेतन से स्पष्ट होता है)।
    • दशमलव वाली संख्या में अंतिम शून्य सार्थक होते हैं (जैसे 0.200 में 3 सार्थक अंक)।
    • प्रथम गैर-शून्य अंक से पहले के शून्य सार्थक नहीं होते (जैसे 0.003 में 1 सार्थक अंक)।
    • जोड़/घटाव में परिणाम में दशमलव के बाद उतने ही अंक रखते हैं जितने न्यूनतम दशमलव स्थान वाली संख्या में हों।
    • गुणा/भाग में परिणाम में उतने ही सार्थक अंक रखते हैं जितने न्यूनतम सार्थक अंक वाली संख्या में हों।
  • परिशुद्धता (Precision): विभिन्न मापनों का आपस में साम्य (closeness)।
  • यथार्थता (Accuracy): किसी मापन का वास्तविक मान से साम्य।

5. रासायनिक संयोजन के नियम:

  • द्रव्यमान संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Mass - लाव्वाजिए): किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट। (अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = उत्पादों का कुल द्रव्यमान)।
  • स्थिर अनुपात का नियम (Law of Definite Proportions - प्राउस्ट): किसी दिए गए यौगिक में तत्वों के द्रव्यमानों का अनुपात सदैव समान रहता है, चाहे उसे किसी भी स्रोत से प्राप्त किया गया हो। (जैसे जल (H₂O) में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का द्रव्यमान अनुपात हमेशा 1:8 होता है)।
  • गुणित अनुपात का नियम (Law of Multiple Proportions - डाल्टन): यदि दो तत्व संयोजित होकर एक से अधिक यौगिक बनाते हैं, तो एक तत्व के निश्चित द्रव्यमान से संयोग करने वाले दूसरे तत्व के द्रव्यमानों में एक सरल पूर्णांक अनुपात होता है। (जैसे CO और CO₂ में, निश्चित कार्बन (12 भाग) से संयोग करने वाले ऑक्सीजन का अनुपात 16:32 या 1:2 है)।
  • गे-लुसैक का गैसीय आयतनों का नियम (Gay Lussac's Law of Gaseous Volumes): जब गैसें रासायनिक अभिक्रिया करती हैं, तो उनके आयतन (यदि समान ताप और दाब पर मापे जाएँ) सरल पूर्णांक अनुपात में होते हैं, और यदि उत्पाद भी गैस हो तो उसका आयतन भी अभिकारकों के आयतन के साथ सरल पूर्णांक अनुपात में होता है।
  • आवोगाद्रो का नियम (Avogadro's Law): समान ताप और दाब पर सभी गैसों के समान आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है। (V ∝ n, जहाँ n मोलों की संख्या है)।

6. डाल्टन का परमाणु सिद्धांत:

  • द्रव्य अविभाज्य परमाणुओं से बना है।
  • एक तत्व के सभी परमाणु द्रव्यमान सहित सभी गुणों में समान होते हैं।
  • भिन्न तत्वों के परमाणु गुणों और द्रव्यमान में भिन्न होते हैं।
  • परमाणु छोटी पूर्ण संख्याओं के अनुपात में मिलकर यौगिक बनाते हैं।
  • रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणु पुनर्व्यवस्थित होते हैं; वे न तो बनते हैं और न ही नष्ट होते हैं।
  • (सीमाएँ: समस्थानिकों, समभारिकों की खोज; परमाणु की विभाज्यता; यौगिकों में सरल पूर्णांक अनुपात हमेशा न होना)।

7. परमाणु और आण्विक द्रव्यमान:

  • परमाणु द्रव्यमान (Atomic Mass): एक परमाणु का द्रव्यमान। आजकल कार्बन-12 समस्थानिक के सापेक्ष मापा जाता है।
  • परमाणु द्रव्यमान मात्रक (amu या u): कार्बन-12 परमाणु के द्रव्यमान के 1/12 वें भाग के बराबर। 1 amu = 1.66056 × 10⁻²⁴ g.
  • औसत परमाणु द्रव्यमान (Average Atomic Mass): तत्व के समस्थानिकों के द्रव्यमानों का उनके प्राकृतिक बाहुल्य (abundance) के आधार पर भारित औसत।
  • आण्विक द्रव्यमान (Molecular Mass): किसी अणु में उपस्थित सभी परमाणुओं के परमाणु द्रव्यमानों का योग।
  • सूत्र द्रव्यमान (Formula Mass): आयनिक यौगिकों के लिए प्रयुक्त, सूत्र इकाई में उपस्थित परमाणुओं के परमाणु द्रव्यमानों का योग (जैसे NaCl का)।

8. मोल संकल्पना और मोलर द्रव्यमान:

  • मोल (Mole): पदार्थ की वह मात्रा जिसमें उतने ही कण (परमाणु, अणु, आयन आदि) होते हैं जितने कार्बन-12 समस्थानिक के ठीक 12 g में परमाणु होते हैं।
  • आवोगाद्रो स्थिरांक (Avogadro Constant - N<0xE2><0x82><0x90>): एक मोल में कणों की संख्या = 6.022 × 10²³ mol⁻¹।
  • मोलर द्रव्यमान (Molar Mass - M): किसी पदार्थ के एक मोल का ग्राम में द्रव्यमान। संख्यात्मक रूप से परमाणु/आण्विक/सूत्र द्रव्यमान (amu में) के बराबर होता है, लेकिन इकाई g mol⁻¹ होती है।
    • मोलों की संख्या (n) = दिया गया द्रव्यमान (w) / मोलर द्रव्यमान (M)
    • कणों की संख्या = मोलों की संख्या (n) × N<0xE2><0x82><0x90>
    • STP (मानक ताप व दाब: 0°C, 1 bar) पर गैस के मोलों की संख्या (n) = गैस का आयतन (L में) / 22.7 L mol⁻¹ (ध्यान दें: पुरानी परिभाषा 1 atm दाब पर 22.4 L लेती थी, नई IUPAC परिभाषा 1 bar पर 22.7 L लेती है। परीक्षा में दिए गए मान का प्रयोग करें या प्रश्न स्पष्ट न होने पर 22.4 L का प्रयोग सामान्यतः किया जाता है।)

9. प्रतिशत संघटन:

  • किसी यौगिक में उपस्थित प्रत्येक तत्व का द्रव्यमान प्रतिशत।
  • तत्व का द्रव्यमान % = (यौगिक में उस तत्व का कुल द्रव्यमान / यौगिक का मोलर द्रव्यमान) × 100

10. मूलानुपाती सूत्र और आण्विक सूत्र:

  • मूलानुपाती सूत्र (Empirical Formula): किसी यौगिक में उपस्थित विभिन्न परमाणुओं का सरलतम पूर्ण संख्या अनुपात दर्शाता है।
  • आण्विक सूत्र (Molecular Formula): किसी यौगिक के एक अणु में उपस्थित विभिन्न प्रकार के परमाणुओं की सही संख्या दर्शाता है।
  • आण्विक सूत्र = n × (मूलानुपाती सूत्र)
  • n = आण्विक द्रव्यमान / मूलानुपाती सूत्र द्रव्यमान

11. स्टॉइकियोमीट्री और स्टॉइकियोमीट्री परिकलन:

  • स्टॉइकियोमीट्री (Stoichiometry): रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों और उत्पादों की मात्राओं (द्रव्यमान या आयतन) के बीच मात्रात्मक संबंध का अध्ययन।
  • संतुलित रासायनिक समीकरण (Balanced Chemical Equation): स्टॉइकियोमीट्री परिकलन के लिए आवश्यक। यह अभिकारकों और उत्पादों के मोल अनुपात को दर्शाता है।
  • सीमांत अभिकर्मक (Limiting Reagent): वह अभिकारक जो रासायनिक अभिक्रिया में पहले समाप्त हो जाता है और उत्पाद की बनने वाली मात्रा को सीमित करता है। इसकी पहचान करने के लिए, प्रत्येक अभिकारक के दिए गए मोलों को उसके स्टॉइकियोमीट्री गुणांक से विभाजित करें; जिसका मान सबसे कम हो, वही सीमांत अभिकर्मक होता है।
  • उत्पाद की मात्रा की गणना सीमांत अभिकर्मक के आधार पर की जाती है।

12. विलयनों में अभिक्रियाएँ:

  • विलयन की सांद्रता (Concentration of Solution): विलायक या विलयन की निश्चित मात्रा में उपस्थित विलेय की मात्रा।
    • द्रव्यमान प्रतिशत (w/w): (विलेय का द्रव्यमान / विलयन का द्रव्यमान) × 100
    • मोल अंश (Mole Fraction - X): किसी घटक के मोलों की संख्या का विलयन में उपस्थित सभी घटकों के कुल मोलों की संख्या से अनुपात। (जैसे, घटक A का मोल अंश X<0xE2><0x82><0x90> = n<0xE2><0x82><0x90> / (n<0xE2><0x82><0x90> + n<0xE2><0x82><0x91>))
    • मोलरता (Molarity - M): 1 लीटर (या 1 dm³) विलयन में उपस्थित विलेय के मोलों की संख्या। मात्रक: mol L⁻¹ या M। (ताप पर निर्भर)
      M = विलेय के मोल / विलयन का आयतन (L में)
    • मोललता (Molality - m): 1 किलोग्राम (kg) विलायक में उपस्थित विलेय के मोलों की संख्या। मात्रक: mol kg⁻¹ या m। (ताप पर निर्भर नहीं)
      m = विलेय के मोल / विलायक का द्रव्यमान (kg में)

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: 18 g जल (H₂O) में मोलों की संख्या कितनी है? (H=1 u, O=16 u)
(क) 1 मोल
(ख) 2 मोल
(ग) 0.5 मोल
(घ) 18 मोल

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा गुणित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है?
(क) H₂O और D₂O
(ख) CO और CO₂
(ग) NaCl और KCl
(घ) FeO और Fe₂O₃ (उत्तर ख और घ दोनों सही हैं, लेकिन सामान्यतः CO/CO₂ का उदाहरण अधिक प्रयुक्त होता है)

प्रश्न 3: STP (0°C, 1 bar) पर 11.35 L ऑक्सीजन गैस (O₂) का द्रव्यमान कितना होगा? (O=16 u)
(क) 16 g
(ख) 32 g
(ग) 8 g
(घ) 64 g

प्रश्न 4: यदि किसी यौगिक का मूलानुपाती सूत्र CH₂O है और उसका आण्विक द्रव्यमान 180 u है, तो उसका आण्विक सूत्र क्या होगा? (C=12 u, H=1 u, O=16 u)
(क) C₂H₄O₂
(ख) C₆H₁₂O₆
(ग) C₃H₆O₃
(घ) CH₂O

प्रश्न 5: 500 mL विलयन में 4 g NaOH (मोलर द्रव्यमान = 40 g mol⁻¹) घुला है। विलयन की मोलरता (M) क्या है?
(क) 0.1 M
(ख) 0.2 M
(ग) 0.02 M
(घ) 0.5 M

प्रश्न 6: आवोगाद्रो स्थिरांक (N<0xE2><0x82><0x90>) का मान है:
(क) 6.022 × 10²² mol⁻¹
(ख) 6.022 × 10²³ mol⁻¹
(ग) 6.022 × 10⁻²³ mol⁻¹
(घ) 6.022 × 10²⁴ mol⁻¹

प्रश्न 7: संख्या 0.0250 में सार्थक अंकों की संख्या कितनी है?
(क) 2
(ख) 3
(ग) 4
(घ) 5

प्रश्न 8: 2A + 3B → 4C अभिक्रिया में, यदि A के 5 मोल और B के 6 मोल लिए जाएँ, तो सीमांत अभिकर्मक कौन सा है?
(क) A
(ख) B
(ग) C
(घ) कोई नहीं

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी सांद्रता इकाई ताप पर निर्भर नहीं करती है?
(क) मोलरता (Molarity)
(ख) मोललता (Molality)
(ग) नॉर्मलता (Normality)
(घ) आयतन प्रतिशत (Volume Percentage)

प्रश्न 10: स्थिर अनुपात का नियम किसने प्रतिपादित किया था?
(क) डाल्टन
(ख) प्राउस्ट
(ग) लाव्वाजिए
(घ) गे-लुसैक


उत्तर कुंजी:

  1. (क) [H₂O का मोलर द्रव्यमान = 2(1)+16 = 18 g/mol; मोल = 18g / 18 g/mol = 1 मोल]
  2. (ख) [कार्बन के निश्चित द्रव्यमान (12 भाग) से संयोग करने वाले ऑक्सीजन का अनुपात CO(16) : CO₂(32) = 1:2] (घ भी सही है)
  3. (क) [STP (1 bar) पर मोलर आयतन ≈ 22.7 L/mol; मोल = 11.35 L / 22.7 L/mol ≈ 0.5 मोल; द्रव्यमान = 0.5 मोल × 32 g/mol = 16 g] (यदि 22.4 L/mol प्रयोग करें तो भी उत्तर 16 g आएगा)
  4. (ख) [मूलानुपाती सूत्र द्रव्यमान (CH₂O) = 12+2(1)+16 = 30 u; n = आण्विक द्रव्यमान / मूलानुपाती सूत्र द्रव्यमान = 180 / 30 = 6; आण्विक सूत्र = 6 × (CH₂O) = C₆H₁₂O₆]
  5. (ख) [NaOH के मोल = 4 g / 40 g/mol = 0.1 मोल; आयतन = 500 mL = 0.5 L; मोलरता = 0.1 मोल / 0.5 L = 0.2 M]
  6. (ख)
  7. (ख) [गैर-शून्य अंक से पहले के शून्य सार्थक नहीं होते, बाद के शून्य सार्थक होते हैं।]
  8. (ख) [A के लिए: 5 मोल / 2 = 2.5; B के लिए: 6 मोल / 3 = 2.0; B का मान कम है, अतः B सीमांत अभिकर्मक है।]
  9. (ख) [मोललता में विलायक का द्रव्यमान प्रयुक्त होता है, जो ताप से प्रभावित नहीं होता।]
  10. (ख)

इन नोट्स का अच्छी तरह अध्ययन करें और प्रश्नों का अभ्यास करें। मोल संकल्पना, स्टॉइकियोमीट्री और सांद्रता पदों पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि इनसे प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। शुभकामनाएँ!

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