Class 11 Chemistry Notes Chapter 2 (Chapter 2) – Examplar Problems (Hindi) Book

नमस्ते विद्यार्थियों!
आज हम रसायन विज्ञान के एक अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय, 'परमाणु की संरचना' (कक्षा 11, NCERT Exemplar आधारित) का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय न केवल आपकी कक्षा 11 की परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे SSC, रेलवे, UPSC (प्रारंभिक), राज्य PCS, और अन्य परीक्षाओं के सामान्य विज्ञान खंड के लिए भी आधारशिला रखता है।
अध्याय 2: परमाणु की संरचना (Structure of Atom) - विस्तृत नोट्स
1. परिचय:
परमाणु पदार्थ का मूल कण है। डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार परमाणु अविभाज्य था, परन्तु बाद के प्रयोगों ने सिद्ध किया कि परमाणु स्वयं छोटे कणों से मिलकर बना है, जिन्हें अपरमाण्विक कण (Subatomic particles) कहते हैं।
2. अपरमाण्विक कणों की खोज:
- इलेक्ट्रॉन (Electron):
- खोजकर्ता: जे. जे. थॉमसन (J.J. Thomson)
 - प्रयोग: कैथोड किरण विसर्जन नलिका प्रयोग (Cathode Ray Discharge Tube Experiment)
 - गुण: ऋणावेशित कण, आवेश = -1.6022 × 10⁻¹⁹ कूलॉम, द्रव्यमान = 9.1094 × 10⁻³¹ kg.
 - e/m (आवेश/द्रव्यमान) अनुपात: 1.758820 × 10¹¹ C kg⁻¹.
 
 - प्रोटॉन (Proton):
- खोजकर्ता: गोल्डस्टीन (Goldstein) ने कैनाल किरणों (धनावेशित किरणें) की खोज की। रदरफोर्ड ने नाभिक में इसकी उपस्थिति सिद्ध की और नाम दिया।
 - गुण: धनावेशित कण, आवेश = +1.6022 × 10⁻¹⁹ कूलॉम, द्रव्यमान = 1.67262 × 10⁻²⁷ kg.
 
 - न्यूट्रॉन (Neutron):
- खोजकर्ता: जेम्स चैडविक (James Chadwick) (1932)
 - प्रयोग: बेरिलियम पर अल्फा कणों की बमबारी।
 - गुण: उदासीन कण (कोई आवेश नहीं), द्रव्यमान = 1.67493 × 10⁻²⁷ kg (प्रोटॉन से थोड़ा भारी)।
 
 
3. परमाणु मॉडल (Atomic Models):
- थॉमसन का परमाणु मॉडल (Thomson's Model - Plum Pudding Model):
- परमाणु एक धनावेशित गोला है जिसमें इलेक्ट्रॉन तरबूज के बीजों की तरह धँसे रहते हैं।
 - परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन होता है (धनावेश = ऋणावेश)।
 - कमियाँ: यह मॉडल रदरफोर्ड के अल्फा प्रकीर्णन प्रयोग के परिणामों की व्याख्या नहीं कर सका।
 
 - रदरफोर्ड का नाभिकीय मॉडल (Rutherford's Nuclear Model):
- प्रयोग: अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग (α-particle scattering experiment) - सोने की पतली पन्नी पर α-कणों की बमबारी।
 - निष्कर्ष:
- परमाणु का अधिकांश भाग खोखला होता है।
 - परमाणु का समस्त धनावेश और लगभग समस्त द्रव्यमान एक अत्यंत छोटे आयतन में केंद्रित होता है, जिसे नाभिक (Nucleus) कहते हैं।
 - इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं (जैसे ग्रह सूर्य के चारों ओर)।
 
 - कमियाँ:
- यह परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या नहीं कर सका (मैक्सवेल के अनुसार त्वरित आवेशित कण ऊर्जा उत्सर्जित करेगा और अंततः नाभिक में गिर जाएगा)।
 - यह परमाणुओं के रेखिल स्पेक्ट्रम (Line spectra) की व्याख्या नहीं कर सका।
 
 
 - बोर का परमाणु मॉडल (Bohr's Model - केवल H और H-जैसे आयनों के लिए):
- मुख्य अभिगृहीत (Postulates):
- इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर केवल कुछ निश्चित ऊर्जा वाली वृत्ताकार कक्षाओं (ऊर्जा स्तर/कोश) में ही घूम सकते हैं, जिन्हें स्थिर कक्षाएँ (Stationary orbits) कहते हैं।
 - इन कक्षाओं में घूमते समय इलेक्ट्रॉन ऊर्जा का उत्सर्जन नहीं करते।
 - इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग (Angular momentum, mvr) h/2π का पूर्ण गुणज होता है (mvr = nh/2π, जहाँ n = 1, 2, 3,... मुख्य क्वांटम संख्या)।
 - इलेक्ट्रॉन जब एक उच्च ऊर्जा स्तर (E₂) से निम्न ऊर्जा स्तर (E₁) में कूदता है, तो ऊर्जा का उत्सर्जन फोटॉन के रूप में होता है (ΔE = E₂ - E₁ = hν)।
 
 - उपलब्धियाँ: हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की सफलतापूर्वक व्याख्या की, H-जैसे आयनों की ऊर्जा और त्रिज्या की गणना संभव हुई।
 - कमियाँ:
- यह मॉडल बहु-इलेक्ट्रॉन परमाणुओं के स्पेक्ट्रम की व्याख्या नहीं कर सका।
 - यह जीमान प्रभाव (Zeeman effect - चुंबकीय क्षेत्र में स्पेक्ट्रमी रेखाओं का विपाटन) और स्टार्क प्रभाव (Stark effect - विद्युत क्षेत्र में विपाटन) की व्याख्या नहीं कर सका।
 - यह रासायनिक आबंधों के बनने की व्याख्या नहीं कर सका।
 - यह डी-ब्रोग्ली और हाइजेनबर्ग के सिद्धांतों के विरुद्ध था।
 
 
 - मुख्य अभिगृहीत (Postulates):
 
4. क्वांटम यांत्रिकी मॉडल की ओर विकास:
- विकिरण की द्वैत प्रकृति (Dual Nature of Radiation): प्रकाश तरंग और कण (फोटॉन) दोनों की तरह व्यवहार करता है। (प्लांक का क्वांटम सिद्धांत: E = hν)
 - द्रव्य की द्वैत प्रकृति (Dual Nature of Matter - डी-ब्रोग्ली सिद्धांत): लुई डी-ब्रोग्ली ने प्रस्तावित किया कि गतिशील सूक्ष्म कण (जैसे इलेक्ट्रॉन) भी तरंग प्रकृति दर्शाते हैं।
- डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य (λ) = h / mv = h / p (जहाँ h = प्लांक स्थिरांक, m = कण का द्रव्यमान, v = वेग, p = संवेग)।
 
 - हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत (Heisenberg's Uncertainty Principle): किसी गतिशील सूक्ष्म कण की स्थिति (Δx) और संवेग (Δp) का एक साथ यथार्थ निर्धारण असंभव है।
- Δx . Δp ≥ h / 4π
 
 
5. परमाणु का क्वांटम यांत्रिकी मॉडल (Quantum Mechanical Model):
- श्रोडिंगर तरंग समीकरण (Schrödinger Wave Equation): यह समीकरण परमाणु में इलेक्ट्रॉन की तरंग प्रकृति का वर्णन करता है। इसके हल से ऊर्जा स्तर और तरंग फलन (ψ) प्राप्त होते हैं।
 - तरंग फलन (ψ): इसका कोई भौतिक अर्थ नहीं है, परन्तु ψ² किसी बिंदु पर इलेक्ट्रॉन के पाए जाने की प्रायिकता घनत्व (Probability density) को दर्शाता है।
 - कक्षक (Orbital): नाभिक के चारों ओर का वह त्रिविमीय क्षेत्र जहाँ इलेक्ट्रॉन के पाए जाने की प्रायिकता अधिकतम (सामान्यतः > 90%) होती है।
 - क्वांटम संख्याएँ (Quantum Numbers): परमाणु में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा, स्थिति, आकार और अभिविन्यास को दर्शाने वाली संख्याएँ।
- मुख्य क्वांटम संख्या (Principal Quantum Number, n):
- मान: 1, 2, 3, ... (पूर्णांक)
 - निर्धारित करती है: कोश (Shell) या मुख्य ऊर्जा स्तर, कक्षक का आकार और ऊर्जा।
 
 - दिगंशी क्वांटम संख्या (Azimuthal or Angular Momentum Quantum Number, l):
- मान: 0 से (n-1) तक। (l = 0, 1, 2, ..., n-1)
 - निर्धारित करती है: उपकोश (Subshell), कक्षक की आकृति।
 - l = 0 (s उपकोश), l = 1 (p उपकोश), l = 2 (d उपकोश), l = 3 (f उपकोश)।
 
 - चुंबकीय क्वांटम संख्या (Magnetic Quantum Number, m<0xE2><0x82><0x91>):
- मान: -l से +l तक (शून्य सहित)। कुल मान = (2l + 1)।
 - निर्धारित करती है: कक्षक का त्रिविम में अभिविन्यास (Orientation)।
 - जैसे, l=1 (p उपकोश) के लिए m<0xE2><0x82><0x91> = -1, 0, +1 (अर्थात् p<0xE1><0xB5><0xA3>, p<0xE1><0xB5><0xA7>, p<0xE1><0xB5><0xA2> तीन कक्षक)।
 
 - प्रचक्रण क्वांटम संख्या (Spin Quantum Number, m<0xE2><0x82><0x9B> or s):
- मान: +1/2 और -1/2।
 - निर्धारित करती है: इलेक्ट्रॉन का अपने अक्ष पर प्रचक्रण (दक्षिणावर्त या वामावर्त)।
 
 
 - मुख्य क्वांटम संख्या (Principal Quantum Number, n):
 - कक्षकों की आकृतियाँ (Shapes of Orbitals):
- s-कक्षक: गोलाकार (Spherically symmetrical)।
 - p-कक्षक: डंबल आकृति (Dumbbell shaped) - p<0xE1><0xB5><0xA3>, p<0xE1><0xB5><0xA7>, p<0xE1><0xB5><0xA2> (तीनों अक्षों पर अभिविन्यस्त)।
 - d-कक्षक: डबल डंबल आकृति (Double dumbbell shaped) - पाँच प्रकार के (d<0xE1><0xB5><0xA3><0xE1><0xB5><0xA7>, d<0xE1><0xB5><0xA7><0xE1><0xB5><0xA2>, d<0xE1><0xB5><0xA2><0xE1><0xB5><0xA3>, d<0xE1><0xB5><0xA3>²<0xE2><0x88><0x92>y², d<0xE1><0xB5><0xA2>²)।
 
 - कक्षकों की ऊर्जा:
- H-परमाणु में: ऊर्जा केवल n पर निर्भर करती है (1s < 2s = 2p < 3s = 3p = 3d < ...)।
 - बहु-इलेक्ट्रॉन परमाणुओं में: ऊर्जा n और l दोनों पर निर्भर करती है (n+l नियम)।
- (n+l) नियम: जिस कक्षक के लिए (n+l) का मान कम होता है, उसकी ऊर्जा कम होती है। यदि (n+l) समान हो, तो कम n वाले कक्षक की ऊर्जा कम होती है।
 - ऊर्जा क्रम: 1s < 2s < 2p < 3s < 3p < 4s < 3d < 4p < ...
 
 
 
6. परमाणुओं में कक्षकों का भराव (Filling of Orbitals in Atoms):
- ऑफबाऊ सिद्धांत (Aufbau Principle): इलेक्ट्रॉन सबसे पहले न्यूनतम ऊर्जा वाले कक्षक में प्रवेश करते हैं।
 - पॉली का अपवर्जन सिद्धांत (Pauli Exclusion Principle): किसी परमाणु में किन्हीं भी दो इलेक्ट्रॉनों के लिए चारों क्वांटम संख्याओं का मान समान नहीं हो सकता। (एक कक्षक में अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन विपरीत प्रचक्रण वाले रह सकते हैं)।
 - हुंड का अधिकतम बहुलता का नियम (Hund's Rule of Maximum Multiplicity): समान ऊर्जा वाले कक्षकों (degenerate orbitals) में इलेक्ट्रॉनों का युग्मन तब तक नहीं होता, जब तक कि प्रत्येक कक्षक में एक-एक इलेक्ट्रॉन समान प्रचक्रण के साथ न भर जाए।
 - इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration): विभिन्न कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों का वितरण।
- उदाहरण: N (Z=7): 1s² 2s² 2p³ ; Cr (Z=24): [Ar] 3d⁵ 4s¹ (अर्ध-पूरित d-कक्षक का स्थायित्व); Cu (Z=29): [Ar] 3d¹⁰ 4s¹ (पूर्ण-पूरित d-कक्षक का स्थायित्व)।
 
 - अर्ध-पूरित और पूर्ण-पूरित कक्षकों का स्थायित्व: सममित वितरण (Symmetrical distribution) और विनिमय ऊर्जा (Exchange energy) के कारण ये विन्यास अधिक स्थायी होते हैं।
 
7. समस्थानिक, समभारिक, समन्यूट्रॉनिक (Isotopes, Isobars, Isotones):
- समस्थानिक (Isotopes): एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या (Z) समान, परन्तु द्रव्यमान संख्या (A) भिन्न होती है (न्यूट्रॉनों की संख्या भिन्न)। उदा: ¹H₁, ²H₁, ³H₁ (हाइड्रोजन के समस्थानिक)।
 - समभारिक (Isobars): भिन्न तत्वों के परमाणु जिनकी द्रव्यमान संख्या (A) समान, परन्तु परमाणु संख्या (Z) भिन्न होती है। उदा: ¹⁴C₆, ¹⁴N₇।
 - समन्यूट्रॉनिक (Isotones): भिन्न तत्वों के परमाणु जिनमें न्यूट्रॉनों की संख्या (A-Z) समान होती है। उदा: ³⁰Si₁₄, ³¹P₁₅, ³²S₁₆ (प्रत्येक में 16 न्यूट्रॉन)।
 
8. विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम और हाइड्रोजन का रेखिल स्पेक्ट्रम:
जब हाइड्रोजन गैस में विद्युत विसर्जन किया जाता है या उसे गर्म किया जाता है, तो यह निश्चित तरंगदैर्ध्य का विकिरण उत्सर्जित करता है, जिसे रेखिल स्पेक्ट्रम कहते हैं।
- लाइमन श्रेणी (Lyman Series): n₁=1, n₂=2, 3, ... (पराबैंगनी क्षेत्र)
 - बामर श्रेणी (Balmer Series): n₁=2, n₂=3, 4, ... (दृश्य क्षेत्र)
 - पाश्चन श्रेणी (Paschen Series): n₁=3, n₂=4, 5, ... (अवरक्त क्षेत्र)
 - ब्रैकेट श्रेणी (Brackett Series): n₁=4, n₂=5, 6, ... (अवरक्त क्षेत्र)
 - फुंड श्रेणी (Pfund Series): n₁=5, n₂=6, 7, ... (अवरक्त क्षेत्र)
 - रिडबर्ग सूत्र (Rydberg Formula): 1/λ = ν̄ = R<0xE1><0xB5><0x9C> [1/n₁² - 1/n₂²] Z² (जहाँ R<0xE1><0xB5><0x9C> = रिडबर्ग स्थिरांक = 109677 cm⁻¹)
 
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: कैथोड किरणों के लिए निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?
(a) वे कैथोड से एनोड की ओर चलती हैं।
(b) वे सीधी रेखा में गमन करती हैं।
(c) कणों की प्रकृति इलेक्ट्रोड पदार्थ पर निर्भर करती है।
(d) विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में वे सीधी रेखा में चलती हैं।
उत्तर: (c) कैथोड किरणें इलेक्ट्रॉनों से बनी होती हैं, जिनकी प्रकृति गैस या इलेक्ट्रोड पदार्थ पर निर्भर नहीं करती।
प्रश्न 2: रदरफोर्ड के अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग ने किसकी खोज का मार्ग प्रशस्त किया?
(a) इलेक्ट्रॉन
(b) प्रोटॉन
(c) परमाणु नाभिक
(d) न्यूट्रॉन
उत्तर: (c)
प्रश्न 3: बोर मॉडल निम्नलिखित में से किसकी व्याख्या नहीं कर सकता है?
(a) हाइड्रोजन परमाणु का स्पेक्ट्रम
(b) He⁺ आयन का स्पेक्ट्रम
(c) जीमान प्रभाव
(d) हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा
उत्तर: (c)
प्रश्न 4: डी-ब्रोग्ली के अनुसार, तरंगदैर्ध्य (λ) किससे संबंधित नहीं है?
(a) द्रव्यमान (m)
(b) वेग (v)
(c) प्लांक स्थिरांक (h)
(d) मुख्य क्वांटम संख्या (n)
उत्तर: (d) (λ = h/mv)
प्रश्न 5: क्वांटम संख्याओं का कौन सा सेट एक इलेक्ट्रॉन के लिए संभव नहीं है?
(a) n=2, l=1, m<0xE2><0x82><0x91>=0, m<0xE2><0x82><0x9B>=+1/2
(b) n=1, l=0, m<0xE2><0x82><0x91>=0, m<0xE2><0x82><0x9B>=-1/2
(c) n=3, l=2, m<0xE2><0x82><0x91>=-3, m<0xE2><0x82><0x9B>=+1/2
(d) n=4, l=3, m<0xE2><0x82><0x91>=0, m<0xE2><0x82><0x9B>=+1/2
उत्तर: (c) क्योंकि यदि l=2 है, तो m<0xE2><0x82><0x91> का मान -2, -1, 0, +1, +2 हो सकता है, -3 नहीं।
प्रश्न 6: 3p कक्षक में कितने त्रिज्य नोड (Radial nodes) होते हैं?
(a) 0
(b) 1
(c) 2
(d) 3
उत्तर: (b) त्रिज्य नोड = n - l - 1. यहाँ n=3, l=1 (p कक्षक के लिए), तो त्रिज्य नोड = 3 - 1 - 1 = 1.
प्रश्न 7: क्रोमियम (Cr, Z=24) का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या है?
(a) [Ar] 3d⁴ 4s²
(b) [Ar] 3d⁵ 4s¹
(c) [Ar] 3d³ 4s² 4p¹
(d) [Ar] 3d⁶ 4s⁰
उत्तर: (b) अर्ध-पूरित d-कक्षक के स्थायित्व के कारण।
प्रश्न 8: पॉली का अपवर्जन सिद्धांत बताता है कि:
(a) एक कक्षक में अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं।
(b) समान ऊर्जा के कक्षकों में पहले एक-एक इलेक्ट्रॉन भरा जाता है।
(c) किसी परमाणु में दो इलेक्ट्रॉनों की चारों क्वांटम संख्याएँ समान नहीं हो सकतीं।
(d) इलेक्ट्रॉन पहले निम्न ऊर्जा स्तर में जाते हैं।
उत्तर: (c)
प्रश्न 9: ⁴⁰Ca₂₀ और ³⁹K₁₉ क्या हैं?
(a) समस्थानिक
(b) समभारिक
(c) समन्यूट्रॉनिक
(d) समावयवी
उत्तर: (c) Ca में न्यूट्रॉन = 40-20=20; K में न्यूट्रॉन = 39-19=20.
प्रश्न 10: हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की कौन सी श्रेणी दृश्य क्षेत्र में पड़ती है?
(a) लाइमन
(b) बामर
(c) पाश्चन
(d) ब्रैकेट
उत्तर: (b)
इन नोट्स का अच्छी तरह अध्ययन करें और प्रश्नों का अभ्यास करें। प्रतियोगी परीक्षाओं में इस अध्याय से मूलभूत अवधारणाओं, क्वांटम संख्याओं, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और विभिन्न परमाणु मॉडलों की सीमाओं से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। शुभकामनाएँ!